Gyan Prakash Dubey
डिजिटल शादी कार्ड से रहें सतर्क, साइबर ठगों ने निकाला ठगी का नया तरीका
मेरठ 21 नवंबर 24.
शादी के मौसम में डिजिटल कार्ड्स का आदान-प्रदान आम हो गया है, लेकिन इस सुविधा के पीछे छिपा है एक बड़ा खतरा। साइबर ठग अब व्हाट्सएप पर भेजे गए शादी के डिजिटल कार्ड का उपयोग कर लोगों को ठगने का नया तरीका अपनाए हुए हैं। साइबर एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इन कार्ड्स में मालवेयर वायरस छिपा होता है। जैसे ही आप कार्ड डाउनलोड करते हैं, यह वायरस आपके फोन में सक्रिय हो जाता है। इसके बाद ठग आपके मोबाइल को हैक कर बैंक खातों और अन्य संवेदनशील डेटा तक पहुंच बना लेते हैं।
कैसे काम करते हैं साइबर ठग?
साइबर ठग व्हाट्सएप पर अनजान नंबर से शादी का कार्ड भेजते हैं, जिसमें मालवेयर वायरस अटैच होता है। कार्ड डाउनलोड करते ही यह वायरस आपकी निजी जानकारी, जैसे बैंक डिटेल्स, आधार नंबर, और मोबाइल डेटा हैक कर लेता है। इसके जरिए ठग आपके बैंक खाते से पैसे निकाल लेते हैं। दिल्ली के करोल बाग निवासी दीपक सचदेवा के साथ ऐसा ही एक मामला हुआ, जिसमें उनके खाते से 7 लाख रुपये चार बार में निकाल लिए गए।
साइबर क्राइम का बढ़ता खतरा
मेरठ में हर महीने 40 से अधिक साइबर फ्रॉड के मामले सामने आ रहे हैं। साइबर थाना पुलिस अब तक 20 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की रकम बरामद कर चुकी है और 8 डिजिटल गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
बचाव के लिए करें ये उपाय
- अनजान नंबर से आए व्हाट्सएप कार्ड को न खोलें।
- कार्ड भेजने वाले नंबर की पहचान करें और पुष्टि करें।
- किसी परिचित से मिलता-जुलता नंबर हो, तो पहले बात करें।
- अज्ञात नंबर से आए लिंक या कार्ड पर जल्दबाजी में क्लिक न करें।
- मोबाइल फोन में एंटी-वायरस और सिक्योरिटी एप इंस्टॉल रखें।
साइबर क्राइम से सावधानी बरतें
मेरठ एसएसपी विपिन ताडा ने बताया कि यह ठगी का नया तरीका बेहद खतरनाक है। लोग इस खतरे से अनजान हैं और जल्दबाजी में कार्ड डाउनलोड कर अपना नुकसान कर बैठते हैं। जागरूकता अभियान के जरिए लोगों को सतर्क किया जाएगा। शादी के इस सीजन में डिजिटल कार्ड से जुड़े साइबर अपराधों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
आपके लिए सुझाव: डिजिटल कार्ड को डाउनलोड करने से पहले उसकी सत्यता की जांच करें और किसी भी अज्ञात नंबर से आई फाइल को न खोलें। जागरूक रहें और ठगी का शिकार होने से बचें।