*Gyan Prakash Dubey
उत्तर प्रदेश: फर्जी रिटायर्ड IPS अफसर बनकर बुजुर्ग ने पुलिस को किया गुमराह, कमिश्नर पर झाड़ा रौब, 2 सस्पेंड, लेकिन एक गलती से खुल गई पोल
गाजियाबाद 21 नवंबर 24.
–उत्तर प्रदेश पुलिस को फर्जीवाड़े का ऐसा शिकार बनना पड़ा जिसकी शायद उसने उम्मीद भी नहीं की थी। एक बुजुर्ग ने खुद को मणिपुर कैडर के 1979 बैच का रिटायर्ड आईपीएस अफसर बताकर पुलिस व्यवस्था में हलचल मचा दी। इस फर्जी अफसर ने इंदिरापुरम पुलिस पर अनियमितता का आरोप लगाते हुए दो पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करा दिया। इतना ही नहीं, उसने पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्र से भी मुलाकात की और उन्हें धोखे में रखकर अपना रौब दिखाया।
हालांकि, जब इस बुजुर्ग की कुंडली खंगाली गई, तो सारा फर्जीवाड़ा सामने आ गया। इंदिरापुरम पुलिस ने आरोपी अनिल कटियाल और उसके दोस्त के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। अनिल को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन उसका साथी अब भी फरार है।
कैसे किया फर्जीवाड़ा?
अनिल कटियाल ने इंदिरापुरम थाने में दर्ज एक धोखाधड़ी के केस में आरोपी विनोद कपूर की पैरवी की। उसने जांच अधिकारी प्रमोद हुड्डा पर विवेचना में लापरवाही का आरोप लगाते हुए पुलिस पर दबाव बनाया। साथ ही, इंदिरापुरम पुलिस पर विनोद कपूर को हरियाणा से अवैध रूप से हिरासत में लेने का आरोप लगाते हुए धमकी दी कि वह पुलिस के खिलाफ केस दर्ज कराकर दोषियों को आजीवन कारावास दिलवा देगा।
इसके बाद, अनिल कटियाल अपने साथी विनोद कपूर के साथ पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्र से मिलने पहुंचा। उसने खुद को उच्च पदों पर कार्यरत एक रिटायर्ड अधिकारी बताते हुए पुलिस आयुक्त को प्रभावित कर लिया। करीब एक घंटे की मुलाकात के दौरान उसने ऐसा विश्वास जमाया कि पुलिस आयुक्त को भी उसकी असलियत का अंदाजा नहीं हुआ।
पोल कैसे खुली?
सब कुछ सही चल रहा था, लेकिन अनिल कटियाल की पोल तब खुली जब उसने पुलिस आयुक्त के साथ फोटो खिंचवाने की बात कही। यह बात पुलिस आयुक्त को खटक गई। अनिल के जाने के बाद जब उसकी जांच की गई, तो पता चला कि मणिपुर कैडर में इस नाम का कोई आईपीएस अधिकारी है ही नहीं। इसके बाद पूरा मामला खुलकर सामने आ गया।
अब पुलिस ने अनिल कटियाल को गिरफ्तार कर लिया है और उसके फरार साथी की तलाश जारी है। पुलिस का कहना है कि वह आरोपी के पूरे नेटवर्क की जांच कर रही है ताकि यह पता चल सके कि उसने पहले और कहां-कहां इस तरह के फर्जीवाड़े को अंजाम दिया है।