वायरल फीवर से बचाव और उपचार- जानिये जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. वी.के.वर्मा..से

Gyan Prakash Dubey के साथ विशेष बातचीत पर आधारित..

सीजन में तेजी से फैल रहा वायरल फीवर: सावधानी और होम्योपैथिक चिकित्सा से मिल सकता है आराम — डॉ. वी.के. वर्मा

बस्ती,

जिले में इन दिनों मौसम में बदलाव के साथ ही वायरल फीवर के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। खासकर सुबह-शाम के तापमान में उतार-चढ़ाव और बरसाती नमी के कारण बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी उम्र के लोग इस मौसमी बुखार की चपेट में आ रहे हैं। जिला अस्पताल की ओपीडी में इन दिनों वायरल फीवर से पीड़ित मरीजों की भीड़ देखी जा सकती है।

जिला अस्पताल के आयुष रिंग में तैनात वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. वी.के. वर्मा, जो एक प्रसिद्ध होम्योपैथिक चिकित्सक हैं, हर दिन सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक ओपीडी में मरीजों को परामर्श देते हैं। उन्होंने बताया कि इस मौसम में वायरल संक्रमण बहुत तेज़ी से फैलता है, लेकिन समय पर सही उपचार और सावधानियों से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

🌡️ वायरल फीवर के आम लक्षण

डॉ. वर्मा ने बताया कि वायरल फीवर के सामान्य लक्षणों में —

  • अचानक तेज़ बुखार
  • सिरदर्द
  • गले में खराश या दर्द
  • बदन दर्द और थकान
  • नाक बहना या जाम होना
  • कभी-कभी हल्की खांसी या गले में जलन

उन्होंने कहा कि “शुरुआती दो से तीन दिनों में अगर सही ध्यान दिया जाए तो मरीज की हालत गंभीर नहीं होती। लेकिन लापरवाही करने पर यह संक्रमण पूरे परिवार में फैल सकता है।”


🩺 होम्योपैथिक दवाओं से मिल सकता है राहत

डॉ. वर्मा ने बताया कि होम्योपैथिक चिकित्सा में वायरल बुखार के लिए कई प्रभावी औषधियां हैं, जो बिना साइड इफेक्ट के शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करती हैं। उन्होंने कुछ प्रमुख दवाओं का उल्लेख किया —

  1. Aconite Napellus (एकोनाइट) – बुखार की शुरुआत में अचानक ठंड लगना और तेज तापमान बढ़ना हो तो यह दवा लाभकारी होती है।
  2. Belladonna (बेलाडोना) – तेज बुखार के साथ सिरदर्द और चेहरा लाल हो जाने पर उपयोगी।
  3. Eupatorium Perfoliatum – वायरल फीवर में हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द होने पर यह दवा असरदार मानी जाती है।
  4. Gelsemium – थकान, कमजोरी और हल्के बुखार की स्थिति में कारगर।
  5. Bryonia Alba – जब बुखार के साथ सूखी खांसी और सीने में दर्द हो तो यह लाभ देती है।

👉डॉ. वर्मा के अनुसार, “होम्योपैथिक दवाएं लक्षणों के आधार पर दी जाती हैं, इसलिए मरीज को स्वयं दवा लेने के बजाय योग्य चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।”


🧼 रोकथाम के लिए सावधानियां बेहद जरूरी

उन्होंने बताया कि दवा के साथ-साथ दैनिक जीवन में कुछ साधारण सावधानियां अपनाकर संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है —

  • हाथों को साबुन से बार-बार धोएं
  • ठंडा या बासी भोजन न करें
  • भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें
  • शरीर को गर्म रखें और पर्याप्त तरल पदार्थ लें
  • बच्चों और बुजुर्गों को विशेष ध्यान में रखें

⚕️ समय पर इलाज कराएं, लापरवाही न करें

डॉ. वर्मा ने लोगों से अपील की कि वायरल फीवर को सामान्य सर्दी-खांसी समझकर अनदेखा न करें। अगर दो-तीन दिन में बुखार कम न हो या लगातार बढ़े, तो तुरंत नजदीकी अस्पताल या चिकित्सक से संपर्क करें। उन्होंने कहा कि “वायरल फीवर में एंटीबायोटिक दवाएं काम नहीं करतीं, इसलिए अनावश्यक दवा लेने से बचें और विशेषज्ञ की सलाह लें।”


बदलते मौसम में सावधानी, स्वच्छता और सही समय पर इलाज से वायरल फीवर पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकता है। होम्योपैथिक चिकित्सा इस दिशा में एक सुरक्षित और असरदार विकल्प के रूप में उभर रही है।

📌 स्रोत: NGV PRAKASH NEWS

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