Gyan Prakash Dubey
कमलबाबू सिंह की तलाश में सेना के 2000 जवान, हेलीकॉप्टर और खोजी कुत्ते: आखिर कौन हैं ये शख्स?
इंफाल: मणिपुर..
भारतीय सेना युद्ध स्तर पर लैशराम कमलबाबू सिंह की तलाश में जुटी हुई है। 25 नवंबर से लापता मेइती समुदाय के इस व्यक्ति की खोज में 2,000 से अधिक सैनिक, हेलीकॉप्टर, ड्रोन और खोजी कुत्तों का सहारा लिया जा रहा है। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस मामले को प्राथमिकता देते हुए सेना को विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।
कौन हैं लैशराम कमलबाबू सिंह?
मूल रूप से असम के कछार जिले के निवासी लैशराम कमलबाबू सिंह मणिपुर के इंफाल पश्चिम के खुखरुल में रहते थे। वह 57वीं माउंटेन डिवीजन के लेइमाखोंग सैन्य अड्डे में सैन्य इंजीनियरिंग सेवा (MES) के साथ ठेकेदार के कार्य पर्यवेक्षक के रूप में जुड़े हुए थे।
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने बताया कि कमलबाबू सिंह सैन्य अड्डे से लापता हो गए हैं। उनकी तलाश के लिए पुलिस और सेना मिलकर व्यापक स्तर पर सर्च ऑपरेशन चला रही है।
25 नवंबर से सर्च ऑपरेशन जारी
मणिपुर पुलिस ने जानकारी दी कि कमलबाबू सिंह 25 नवंबर, 2024 से लापता हैं। उनके लापता होने के बाद से सेना ने अभियान छेड़ दिया है।
सैनिकों और तकनीक की मदद से खोज
सर्च ऑपरेशन में 2,000 से अधिक जवान, हेलीकॉप्टर, ड्रोन और खोजी कुत्तों का उपयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही तकनीकी खुफिया जानकारी का भी सहारा लिया जा रहा है।
विरोध प्रदर्शन जारी
कमलबाबू सिंह के लापता होने के विरोध में उनके परिजन और स्थानीय लोग धरने पर बैठे हैं। इंफाल के कांटो सबल इलाके में प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर अवरोधक लगा दिए हैं। कमलबाबू सिंह की पत्नी अकोईजम बेलारानी भी प्रदर्शन में शामिल हैं।
मणिपुर में हिंसा का माहौल
मणिपुर में जातीय हिंसा का दौर लंबे समय से जारी है। कांगपोकपी जिले के सैन्य शिविर के पास रहने वाले मेइती लोगों को हिंसा के चलते पलायन करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि कमलबाबू सिंह को उग्रवादियों ने अगवा किया हो सकता है।
कमलबाबू सिंह की तलाश में सेना की यह मुहिम उनकी सुरक्षा और मणिपुर में शांति बहाली के लिए अहम मानी जा रही है।
समाचार स्रोत इंडिया टी वी