
उन्नाव: 22 दिन बाद अस्पताल में मिला बिछड़ा प्यार, मोतियाबिंद के ऑपरेशन के दौरान गुमशुदा पत्नी से मिला शख्स
उन्नाव, 13 फरवरी 2025 – कहते हैं कि अगर प्यार सच्चा हो तो तकदीर भी उसे मिलाने का बहाना ढूंढ ही लेती है। कई बार ज़िंदगी के हालात दो लोगों को जुदा कर देते हैं, लेकिन जब मिलने का वक्त आता है, तो सबसे अनोखी परिस्थितियां भी रास्ता बना देती हैं। ऐसा ही एक भावुक कर देने वाला वाकया उन्नाव जिला अस्पताल में देखने को मिला, जब एक शख्स को उसकी बिछड़ी हुई पत्नी 22 दिन बाद अचानक अस्पताल में ही मिल गई।
22 दिन से लापता थी पत्नी, अस्पताल में मिली आवाज़ से हुआ मिलन
प्राप्त समाचार के अनुसार…
मोतियाबिंद की समस्या से जूझ रहे एक शख्स ने इलाज के लिए उन्नाव जिला अस्पताल में ऑपरेशन करवाने का फैसला किया। आंखों की रोशनी धुंधली होने लगी थी, लेकिन दिल में दर्द किसी और चीज़ का था—अपनी पत्नी के बिना अधूरी ज़िंदगी का। बीते 22 दिनों से उसकी पत्नी लापता थी। हर गली, हर चौराहे, हर रिश्तेदार के घर उसने तलाश कर ली, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
ऑपरेशन के बाद अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान एक जानी-पहचानी आवाज़ उसके कानों में पड़ी। आवाज़ कुछ जानी-पहचानी लगी, दिल ने एक पल के लिए जोर से धड़कना शुरू कर दिया। वो आवाज़ उसकी खोई हुई पत्नी की थी!
अस्पताल के दूसरे वार्ड में थी पत्नी, मिलते ही छलक पड़े आंसू
झट से आवाज़ की दिशा में जाने की कोशिश की, लेकिन आंखों पर पट्टी बंधी थी। किसी तरह स्टाफ की मदद से दूसरे वार्ड तक पहुंचा, और जैसे ही पट्टी खोली गई—उसकी आंखों के सामने उसकी वही पत्नी खड़ी थी, जिसे वह 22 दिनों से ढूंढ रहा था!
शख्स को यकीन ही नहीं हो रहा था कि जिसे वह हर जगह तलाश रहा था, वो इतनी नज़दीक, उसी अस्पताल में मौजूद थी। पत्नी की आंखों से भी आंसू छलक पड़े। 22 दिनों का दर्द, तड़प और बेचैनी—सिर्फ एक पल में खत्म हो गई।
अस्पताल में मची हलचल, मरीजों और स्टाफ ने भी जताई खुशी
जब अस्पताल के डॉक्टरों और नर्सों को इस कहानी के बारे में पता चला तो वे भी हैरान रह गए। हर कोई इस भावुक मिलन का गवाह बना। मरीजों से लेकर अस्पताल के कर्मचारियों तक, हर किसी के चेहरे पर एक मुस्कान थी। अस्पताल सिर्फ इलाज का ही नहीं, बल्कि प्यार और तकदीर के मिलन का भी गवाह बन गया।
कभी-कभी ज़िंदगी हमें ऐसी जगह ले जाती है, जहां हमें हमारी सबसे कीमती चीज़ मिल जाती है। यह कहानी सिर्फ एक जोड़े के पुनर्मिलन की नहीं, बल्कि तकदीर के चमत्कार की भी है।
NGV PRAKASH NEWS
