जी.पी. दुबे
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बस्ती का अगला सांसद कौन पार्ट -1
बस्ती.
बस्ती का अगला सांसद कौन इस सवाल का जवाब शायद बहुत आसान नहीं है…
अभी तक भाजपा ने जहां निर्वाण मां सांसद हरीश द्विवेदी को अपना उम्मीदवार बनाया है वहीं सपा ने तीन विधायक एक बार सांसद तथा कैबिनेट मंत्री रहे राम प्रसाद चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया है और बसपा ने भाजपा छोड़ कर आए दयाशंकर मिश्र को अपना उम्मीदवार घोषित किया है |
संक्षिप्त में तीनों उम्मीदवारों का परिचय इस प्रकार है..
1- भाजपा उम्मीदवार हरीश द्विवेदी बस्ती से दो बारसे लगातार सांसद है, 2014 के लोकसभा चुनाव में इन्होंने मोदी लहर में सपा के कद्दावर नेता राजकिशोर सिंह के भाई बृजमोहन उर्फ डिंपल सिंह और बसपा से राम प्रसाद चौधरी को हराकर पहली बार सांसद बने थे |
2019 में पुनः भाजपा ने इनको अपना उम्मीदवार बनाया और दूसरी बार रामप्रसाद चौधरी और राज किशोर सिंह को हराकर सांसद बने |
भाजपा संगठन में अच्छी पकड़ रखने वाले हरीश द्विवेदी को भाजपा ने पुनः विश्वास जताते हुए तीसरी बार अपना उम्मीदवार बनाया है |
पहली बार जहां उनके सांसद रहते हुए बस्ती की पांचो विधानसभा सीटों पर भाजपा ने अपना परचम लहराया था वहीं दूसरे संसदीय कार्यकाल में भाजपा केवल ह्ररैया की सीट तक ही सीमित रह गई | हरैया से अजय सिंह ने किसी तरह पार्टी की नाक बचाई |
2-अब बात करते हैं समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार राम प्रसाद चौधरी की जिनकी चौधरी बिरादरी में अच्छी पकड़ है | इनकी बिरादरी जहां नेताजी जाते हैं इस पार्टी की हो जाती है |
रामप्रसाद चौधरी तीन बार कप्तानगंज विधानसभा क्षेत्र से विधायक और एक बार कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं, वर्तमान में उनके पुत्र कविंद्र उर्फ अतुल चौधरी कप्तानगंज विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं |
राम प्रसाद चौधरी खलीलाबाद संसदीय क्षेत्र से एक बार सांसद भी रह चुके हैं |
वर्तमान में यह सपा के राष्ट्रीय महासचिव है तथा इनके नेतृत्व में सपा ने बस्ती की पांच विधानसभा सीटों में से तीन तथा एक इनकी समर्थित उम्मीदवार महादेवा सुरक्षित से उम्मीदवार दूध राम विधायक हुए हैं |
उनकी उम्मीदवारी जातिगत वोट चौधरी,यादव तथा मुस्लिम वोटो पर टिकी है |
3- अब आते हैं तीसरे उम्मीदवार बसपा के दयाशंकर मिश्र पर जो अभी चंद दिन पहले ही भाजपा छोड़कर बसपा ज्वाइन किए हैं और बसपा ने लगे हाथ इनको बस्ती से अपना उम्मीदवार भी घोषित कर दिया | 35 सालों तक लगातार भाजपा में जिला अध्यक्ष,मंडल अध्यक्ष तथा अन्य पदों पर रहते हुए इन्होंने पार्टी को मजबूत करने का कार्य किया था किंतु पिछले विधानसभा का टिकट न मिलने तथा उसके बाद लगातार सांसद और वर्तमान भाजपा जिला अध्यक्ष विवेकानंद मिश्र के द्वारा अपनी उपेक्षा से नाराज चल रहे दयाशंकर मिश्र ने बसपा का दामन थाम लिया वहीं मायावती द्वारा भी तत्काल दयाशंकर मिश्र को अपना उम्मीदवार घोषित कर लड़ाई को काफी रोचक बना दिया | इनको बसपा के परंपरागत तथा ब्राह्मण वोटो पर भरोसा है |
👉वही सूत्रों के अनुसार दबी जुबान कुछ लोग इनको सपा उम्मीदवार राम प्रसाद चौधरी तथा पूर्व कैबिनेट मंत्री राजकिशोर सिंह द्वारा खड़े किए गए डमी उम्मीदवार के रूप में भी देख रहे हैं |
👉 बहरहाल रोचक हो चुकी कि त्रिकोणीय लड़ाई में सपा उम्मीदवार राम प्रसाद चौधरी तथा भाजपा उम्मीदवार हरीश द्विवेदी द्वारा चौपाल लगाकर जनता के बीच में है वही बसपा उम्मीदवार दयाशंकर मिश्र द्वारा भी कार्यकर्ता सम्मेलन के द्वारा वोटो को सहेजने का काम शुरू कर दिया गया है |
👉👉 अगले अंक में जनता के बीच उनकी छवि के बारे में बातें होंगी ..
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