
Gyan Prakash Dubey
दिल्ली में ‘आप’ की हार: क्या रहे प्रमुख कारण?
8 फरवरी 25.
दिल्ली की राजनीति में 27 साल बाद बड़ा उलटफेर हुआ है। आम आदमी पार्टी, जो 2013 में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की लहर पर सवार होकर सत्ता में आई थी, इस बार चुनाव में करारी हार का सामना कर चुकी है। भाजपा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज करते हुए दिल्ली की सत्ता पर कब्जा कर लिया है। सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि अरविंद केजरीवाल की पार्टी, जो तीन बार दिल्ली की जनता की पसंद बनी, इस बार पूरी तरह से खारिज कर दी गई? आइए, उन प्रमुख कारणों पर नजर डालते हैं जो ‘आप’ की हार की वजह बने।
1. भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई से भ्रष्टाचार में घिरना
आम आदमी पार्टी की पहचान भ्रष्टाचार विरोधी पार्टी के रूप में बनी थी, लेकिन समय के साथ पार्टी पर खुद गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगने लगे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित कई बड़े नेता जेल गए, जिससे पार्टी की छवि को बड़ा झटका लगा। शराब नीति घोटाले में कथित संलिप्तता, हवाला फंडिंग के आरोप और मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई ने जनता का भरोसा तोड़ दिया।
2. कांग्रेस का विरोध छोड़ समर्थन देना
आप पार्टी ने कांग्रेस के खिलाफ ही अपनी राजनीति शुरू की थी, लेकिन समय के साथ उसी कांग्रेस के साथ गठबंधन कर लिया। 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठजोड़ करने से आप के समर्थकों में असमंजस की स्थिति बनी, जिससे पार्टी के प्रति नाराजगी बढ़ी। यह गठबंधन ‘आप’ के मूल समर्थकों को रास नहीं आया, और भाजपा को इसका फायदा मिला।
3. मुफ्त योजनाएं बनाम विकास कार्यों की अनदेखी
बिजली, पानी और बस यात्रा मुफ्त करने जैसी योजनाओं ने आप को सत्ता में बनाए रखा, लेकिन लंबे समय तक यह रणनीति कारगर नहीं रही। जनता को महसूस हुआ कि बुनियादी ढांचे, सड़क निर्माण, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में जो सुधार होने चाहिए थे, वे पिछड़ते जा रहे हैं। दिल्ली में प्रदूषण, ट्रैफिक जाम और जलभराव जैसी समस्याएं जस की तस बनी रहीं, जिससे लोगों की नाराजगी बढ़ी।
4. चुनावी स्टंट: ‘हमले’ की राजनीति का भंडाफोड़
पिछले कई चुनावों में अरविंद केजरीवाल और उनके नेताओं पर स्याही फेंकने, थप्पड़ मारने और हमले जैसी घटनाएं सामने आईं। शुरुआत में जनता ने इसे सहानुभूति की नजर से देखा, लेकिन बार-बार ऐसी घटनाएं होने से लोग समझ गए कि यह केवल चुनावी स्टंट है। इस बार जनता ने इस नाटक को पूरी तरह नकार दिया।
5. नेताओं की गुंडागर्दी और शराब घोटाला
आप पार्टी के कई विधायकों और मंत्रियों पर बदसलूकी, भ्रष्टाचार और दबंगई के आरोप लगे। दिल्ली में शराब घोटाले का मामला सामने आया, जिसमें कहा गया कि बड़ी मात्रा में पंजाब से शराब लाकर दिल्ली में बांटी गई। यह मुद्दा भाजपा ने जोर-शोर से उठाया, जिससे ‘आप’ की साख और गिर गई।
अंत में..
दिल्ली की जनता ने इस चुनाव में आम आदमी पार्टी को पूरी तरह नकार दिया और भाजपा को सत्ता सौंप दी। भ्रष्टाचार, गलत नीतियां, मुफ्त योजनाओं की सीमाएं, राजनीतिक विरोधाभास और जनता का विश्वास खोना—ये सभी कारण ‘आप’ की हार की बड़ी वजह बने। अब देखना होगा कि भाजपा दिल्ली के लिए क्या बदलाव लाती है और अरविंद केजरीवाल की राजनीति का भविष्य क्या होगा।
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