*जी. पी. दुबे*

शराब की 39 शीशियां और संतोष की गिरफ्तारी
बस्ती 9 फरवरी 25.
जनपद बस्ती की सर्द सुबह थी। थाना नगर के थानाध्यक्ष देवेन्द्र सिंह अपने दफ्तर में बैठे चाय की चुस्कियां ले रहे थे, तभी एक मुखबिर ने सूचना दी— “साहब, आज रात एक आदमी बड़ी मात्रा में देशी शराब लेकर गुजरने वाला है।”
देवेन्द्र सिंह तुरंत सक्रिय हो गए। उन्होंने अपनी टीम को इशारा किया— “तैयारी करो, आज हम इसे रंगे हाथों पकड़ेंगे!”
रात का जाल
रात के अंधेरे में थाना नगर की पुलिस टीम तैयार थी। सड़क पर हलचल कम थी, ठंडी हवा बह रही थी। तभी एक व्यक्ति धीरे-धीरे बढ़ता हुआ दिखाई दिया। उसके हाथ में एक बड़ा बैग था, जो कुछ ज्यादा ही भारी लग रहा था। पुलिस टीम ने इशारा किया और चारों तरफ से घेराबंदी कर ली।
गिरफ्तारी और खुलासा
“रुको! बैग में क्या है?” – उ0नि0 मो0 मुस्तफा ने सख्त लहजे में पूछा।
वह व्यक्ति घबरा गया और भागने की कोशिश करने लगा, लेकिन पुलिस ने उसे तुरंत पकड़ लिया। जब बैग खोला गया, तो उसमें से 39 शीशी बन्टी-बबली देशी शराब बरामद हुई।
“नाम क्या है?” – हे0का0 हेमंत सिंह ने पूछा।
“स…संतोष सिंह, साहब।” – उसने कांपते हुए जवाब दिया।
पूछताछ में पता चला कि संतोष सिंह, पुत्र लक्ष्मण सिंह, निवासी आवास विकास कॉलोनी, वरगवा, थाना कोतवाली शहर, जनपद गोंडा से था। वह इस अवैध धंधे में लंबे समय से संलिप्त था।
अंजाम
पुलिस ने संतोष को तत्काल गिरफ्तार कर लिया और थाना नगर में मु0अ0सं0 25/2025 धारा 60 EX ACT के तहत मामला दर्ज किया। अगली सुबह उसे न्यायालय भेज दिया गया।
इस कार्रवाई में उ0नि0 मो0 मुस्तफा, हे0का0 हेमंत सिंह, हे0का0 लव सिंह और का0 प्रमोद साहनी की अहम भूमिका रही।
अवैध धंधे का अंत?
पुलिस की इस कार्रवाई से शराब माफिया में हलचल मच गई। लेकिन सवाल यह था— क्या यह अंत था, या महज एक शुरुआत?
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