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जमशेदपुर में सैनिक की पिटाई पर DGP का कड़ा ऐक्शन, जुगसलाई थाना प्रभारी समेत आठ पुलिसकर्मी सस्पेंड
जमशेदपुर। झारखंड के जमशेदपुर में सैनिक सूरज राय के साथ हुई मारपीट के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस घटना को लेकर राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) ने कड़ा रुख अपनाया है। डीजीपी अजय कुमार सिंह के निर्देश पर जुगसलाई थाना प्रभारी सहित आठ पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। आईजी की जांच में इन सभी को दोषी पाया गया, जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई।
क्या है पूरा मामला?
16 मार्च को सेना के जवान सूरज राय एक शिकायत दर्ज कराने के लिए जुगसलाई थाना पहुंचे थे। आरोप है कि शिकायत करने के बजाय थाना परिसर में ही उनके साथ मारपीट की गई और फिर उन्हें जेल भेज दिया गया। घटना के बाद सेना की ओर से इस मामले को गंभीरता से लिया गया। रांची से आए सेना के अधिकारियों ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस अधिकारियों से मुलाकात कर मामले की जानकारी ली।
सेना और पूर्व सैनिकों का विरोध प्रदर्शन
घटना के सामने आने के बाद पूर्व सैनिक परिषद और स्थानीय पूर्व सैनिक संगठनों ने पुलिस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। जनता और मीडिया के दबाव के बीच मामला उच्च स्तर तक पहुंच गया, जिसके बाद जांच के आदेश दिए गए।
जांच में दोषी पाए गए पुलिसकर्मी
DGP के आदेश पर इस मामले की जांच IG स्तर पर की गई। जांच रिपोर्ट में जुगसलाई थाना प्रभारी सचिन कुमार दास, अवर निरीक्षक दीपक कुमार महतो, तापेश्वर बैठा, शैलेन्द्र कुमार नायक, कुमार सुमित, मंटू कुमार, कार्यालय सहायक शैलेश कुमार सिंह और रिजर्व गार्ड आरक्षी शंकर कुमार को दोषी पाया गया। रिपोर्ट मिलने के बाद एसएसपी किशोर कौशल ने इन सभी के निलंबन का आदेश जारी कर दिया।
पहले भी हुई थी जांच
इस मामले में पहले भी कोल्हान के डीआईजी और एसएसपी द्वारा प्राथमिक जांच की गई थी। लेकिन सेना और समाज के दबाव के चलते IG स्तर की जांच कराई गई, जिसमें पुलिस की गलती की पुष्टि हुई।
यह मामला एक बार फिर दिखाता है कि कानून के रक्षक जब हीन मानसिकता या अत्याचार पर उतर आते हैं, तो उन्हें भी जवाबदेह बनाना आवश्यक होता है।
NGV PRAKASH NEWS
