
भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद पर शोषण के गंभीर आरोप, रोहिणी घावरी ने कहा – “कई लड़कियों के साथ किया अन्याय”
📍 15 जून 2025 | बस्ती | NGV PRAKASH NEWS
भीम आर्मी के प्रमुख और नगीना लोकसभा सीट से सांसद चंद्रशेखर आजाद एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। इस बार मामला बेहद गंभीर और व्यक्तिगत आरोपों से जुड़ा है। रोहिणी घावरी नामक एक महिला ने चंद्रशेखर पर यौन शोषण, धोखा और भावनात्मक छल का आरोप लगाया है। रोहिणी का दावा है कि वह चंद्रशेखर के साथ गहरे रिश्ते में थीं, लेकिन उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि चंद्रशेखर पहले से शादीशुदा हैं।
🔴 रोहिणी का आरोप – “मेरे अलावा कई लड़कियों को किया शोषण”
रोहिणी घावरी ने सोशल मीडिया और मीडिया के माध्यम से चंद्रशेखर आजाद के खिलाफ सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि चंद्रशेखर ने केवल उनका ही नहीं, बल्कि कई लड़कियों का शोषण किया है। रोहिणी ने यह भी स्पष्ट किया कि वह अब कानूनी कार्रवाई की तैयारी में हैं और जल्द ही चंद्रशेखर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर मामला कोर्ट तक ले जाएंगी।
“हम दोनों रिलेशनशिप में थे। मुझे नहीं पता था कि वो पहले से शादीशुदा हैं। बाद में पता चला तो मैंने खुद को अलग कर लिया। लेकिन अब मेरे ऊपर सवाल उठने लगे, इसलिए मैं सामने आ रही हूं।”, – रोहिणी घावरी
🔥 बृजभूषण शरण सिंह ने साधा निशाना – “अब दलित की बेटी का सवाल है”
इस पूरे मामले ने तब और तूल पकड़ लिया जब भाजपा के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता बृजभूषण शरण सिंह ने खुलकर चंद्रशेखर आजाद पर हमला बोला। उन्होंने कहा:
“जब मेरे ऊपर आरोप लगे थे तो चंद्रशेखर ने कहा था कि समाज इजाजत दे तो मुझे घसीटकर ले जाएंगे। आज जब उनके ऊपर आरोप लगे हैं तो उनका बल कहां चला गया?”
बृजभूषण ने इसे दलित बेटी के सम्मान का सवाल बताया और जोर देकर कहा कि सरकार को मामले की निष्पक्ष जांच करानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि बेटी ने हर बात का प्रमाण दिया है, और यदि यह किसी और समाज की लड़की होती तो अब तक मामला तूल पकड़ चुका होता।
🤐 विपक्ष की चुप्पी पर भी सवाल
बृजभूषण शरण सिंह ने कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, किसान संगठनों, और तृणमूल कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि ये सभी पार्टियां इस मामले में चुप क्यों हैं? उन्होंने कहा कि जब एक दलित बेटी न्याय की गुहार लगा रही है, तब इन राजनीतिक दलों की राजनीतिक चुप्पी शर्मनाक है।
📢 क्या बोले चंद्रशेखर?
इस पूरे मामले पर अभी तक चंद्रशेखर आजाद की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। लेकिन सोशल मीडिया पर दबाव और राजनीतिक बयानों के चलते अब उनसे जवाब की अपेक्षा की जा रही है।
📌 निष्कर्ष
यह मामला अब सिर्फ व्यक्तिगत नहीं रहा, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक विमर्श का हिस्सा बन चुका है। जब एक दलित महिला किसी सांसद पर खुलेआम शोषण का आरोप लगाती है और साक्ष्य भी प्रस्तुत करती है, तो यह लोकतंत्र की जवाबदेही की कसौटी बन जाती है। ऐसे में प्रशासन और सरकार की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है।
🔍 NGV PRAKASH NEWS इस मामले पर आगे की हर गतिविधि पर नज़र बनाए हुए है।
पूरा अपडेट पाने के लिए जुड़े रहें – https://ngvprakashnews.com
