नागपुर में औरंगजेब की कब्र पर बवाल: हिंसा, आगजनी और कर्फ्यू के पीछे की पूरी कहानी

नागपुर में औरंगजेब की कब्र पर बवाल: हिंसा, आगजनी और कर्फ्यू के पीछे की पूरी कहानी

नागपुर, 18 मार्च 2025

महाराष्ट्र के नागपुर में औरंगजेब की कब्र को लेकर छिड़ा विवाद हिंसक झड़पों में बदल गया। सोमवार, 17 मार्च को महाल इलाके में दो गुटों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि पथराव, आगजनी और पुलिस पर हमले तक की नौबत आ गई। हालात काबू में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। हिंसा में 11 लोग घायल हुए, जिनमें कई पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने नागपुर के कई इलाकों में कर्फ्यू लागू कर दिया है।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुरवासियों से शांति बनाए रखने और अफवाहों से दूर रहने की अपील की है। इस पूरे विवाद की जड़ क्या है और यह हिंसा कैसे भड़की? आइए विस्तार से समझते हैं।


कैसे शुरू हुआ विवाद?

सोमवार को विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने नागपुर के महाल गांधी गेट परिसर में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के सामने औरंगजेब का पुतला जलाया। इन संगठनों की मांग थी कि खुल्दाबाद (छत्रपति संभाजीनगर) में स्थित औरंगजेब की कब्र को हटाया जाए। उनका तर्क था कि “औरंगजेब एक क्रूर शासक था, उसकी कब्र का महिमामंडन नहीं किया जाना चाहिए।”

प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से हुआ, लेकिन शाम होते-होते मामला बिगड़ने लगा।

हिंसा की आग कैसे भड़की?

शाम करीब 7:00 बजे, शिवाजी चौक के पास एक समूह ने हिंदू संगठनों के प्रदर्शन पर नाराजगी जताते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। इसके जवाब में दूसरा गुट भी आ गया और दोनों ओर से टकराव शुरू हो गया।

इसी बीच, एक अफवाह फैली कि प्रदर्शनकारियों ने एक हरे कपड़े (जिस पर इस्लामी प्रार्थना लिखी थी) और एक धार्मिक पुस्तक को जला दिया है। यह अफवाह इतनी तेजी से फैली कि हजारों लोग सड़कों पर उतर आए और हालात बेकाबू हो गए।


हिंसा और पुलिस की कार्रवाई

अफवाह फैलते ही चिटनिस पार्क से लेकर भालदारपुरा तक पत्थरबाजी, आगजनी और तोड़फोड़ शुरू हो गई।

  • पुलिस पर बड़े-बड़े पत्थर फेंके गए।
  • कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया।
  • एक JCB मशीन भी जला दी गई।
  • घरों की छतों से भी पत्थर बरसाए गए।
  • भीड़ ने पुलिस को घेरकर हमला करने की कोशिश की।

इस हिंसा में 11 लोग घायल हुए, जिनमें कई पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।

स्थिति को संभालने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। लेकिन रात होते-होते हिंसा कोतवाली और गणेशपेठ इलाकों तक फैल गई। इसके बाद प्रशासन को धारा 144 लागू करनी पड़ी और कई संवेदनशील इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया।


क्या कह रही है पुलिस?

नागपुर के ज्वाइंट कमिश्नर निसार तंबोली ने बताया कि—

“हिंसा के पीछे अफवाहों की बड़ी भूमिका रही। कुछ लोगों ने जानबूझकर हालात बिगाड़ने की कोशिश की। अब तक 50 लोगों को हिरासत में लिया गया है और हिंसा में शामिल अन्य लोगों की पहचान की जा रही है।”

कर्फ्यू कहां-कहां लगा?

नागपुर पुलिस आयुक्त डॉ. रविंदर कुमार सिंगल के आदेश पर कोतवाली, गणेशपेठ, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामवाड़ा, यशोधरा नगर और कपिल नगर थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लागू किया गया है।

यह कर्फ्यू अगले आदेश तक जारी रहेगा।


VHP और बजरंग दल का बयान

VHP के महाराष्ट्र-गोवा प्रमुख गोविंद शेंडे ने कहा—

“हमने बाबरी ढांचे को गिराने की कसम खाई थी, वो पूरी की। अब औरंगजेब की कब्र हटाने की शपथ ली है और इसे भी पूरा करेंगे।”

इस बयान से विवाद और बढ़ सकता है।

बजरंग दल ने साफ किया कि—

“हमने सिर्फ औरंगजेब का पुतला जलाया था, कोई पवित्र वस्तु नहीं जलाई गई। यह हिंसा एक साजिश थी।”


राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा—

“नागपुर शांति और भाईचारे का शहर है। मैं नागरिकों से अपील करता हूं कि वे अफवाहों से दूर रहें और प्रशासन का सहयोग करें।”

उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा—

“औरंगजेब का महिमामंडन करने वाले देशद्रोही हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।”

भाजपा विधायक प्रवीण दटके ने दावा किया कि—

“हिंसा में बाहरी लोग शामिल थे। यह एक सुनियोजित साजिश थी।”

वहीं, समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आसिम आजमी ने हाल ही में औरंगजेब की तारीफ की थी। इसके बाद उन्हें महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सत्र से निलंबित कर दिया गया। इस विवाद ने भी माहौल को और भड़काने का काम किया।


क्या आगे और बढ़ेगा विवाद?

औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद अब सिर्फ नागपुर तक सीमित नहीं रहा। खुल्दाबाद में कब्र की सुरक्षा के लिए CRPF और अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। लेकिन नागपुर में हुई हिंसा ने इसे राज्यव्यापी मुद्दा बना दिया है।

प्रशासन का कहना है कि—

“जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। लेकिन फिलहाल, हालात पूरी तरह सामान्य नहीं हुए हैं और आगे भी हिंसा भड़कने की आशंका बनी हुई है।”


निष्कर्ष

नागपुर में औरंगजेब की कब्र को लेकर छिड़े इस विवाद ने सांप्रदायिक तनाव को जन्म दे दिया है। राजनीतिक बयानबाजी, अफवाहें और भीड़ की हिंसा ने हालात को और बिगाड़ दिया।

अब सवाल यह है कि—

  • क्या नागपुर में हालात पूरी तरह काबू में आ पाएंगे?
  • क्या यह विवाद अन्य शहरों तक भी फैलेगा?
  • क्या सरकार इस मुद्दे को जल्द सुलझा पाएगी या यह और बड़ा राजनीतिक विवाद बनेगा?

आने वाले दिनों में इस पर नजर रखना बेहद जरूरी होगा।

NGV PRAKASH NEWS

  • Gyan Prakash Dubey

    I am a News Reporter with Diploma in jornlism and mass communication. Editor in Chief of this news portal NGV PRAKASH NEWS.This Portal Registred from MSME and Department of Information and Broadcasting Government of India. For any query please contact me on 9721071175.

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