NGV PRAKASH NEWS: दर्दभरी कहानी – हिमांगी सखी ने सुनाई अपने बचपन की संघर्षपूर्ण दास्तान
परी अखाड़े के अर्धनारीश्वर धाम की प्रमुख और किन्नर कथावाचक हिमांगी सखी ने अपने बचपन की पीड़ा और संघर्ष की कहानी साझा की। उन्होंने बताया कि बचपन में माता-पिता को खोने के बाद उन्हें बार-बार यौन शोषण झेलना पड़ा और आर्थिक तंगी के कारण सड़क पर पड़ा झूठा खाना खाने तक की नौबत आ गई।
हिमांगी सखी ने खुलासा किया कि उनके माता-पिता की लव मैरिज के कारण रिश्तेदारों से कोई समर्थन नहीं मिला। उनकी मां के निधन के बाद परिवार के सदस्यों ने भी कोई मदद नहीं की। उन्होंने बताया, “मेरे पापा फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर थे और मम्मी डॉक्टर। मैं मुंबई के एक अच्छे स्कूल में पढ़ती थी। लेकिन पापा के अचानक निधन के बाद मम्मी मानसिक रूप से अस्थिर हो गईं। परिवार ने हमें पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया।”
उन्होंने बताया कि उनके पिता की मृत्यु के बाद उनकी मां मानसिक संतुलन खो बैठीं। “हमने कई दिन भूखे रहकर बिताए। नाना-नानी और अन्य रिश्तेदारों ने हमारी बिल्कुल मदद नहीं की। मेरी मां और उनके परिवार के बीच कड़वाहट थी, जिसकी वजह से हमें अकेले संघर्ष करना पड़ा,” हिमांगी ने कहा।
हिमांगी ने अपनी दर्दनाक कहानी को साझा करते हुए बताया कि उन्हें और उनकी छोटी बहन को पेट भरने के लिए सड़क पर पड़ा झूठा खाना तक खाना पड़ा। उन्होंने कहा, “पड़ोसी अखबार में लपेटकर खाना फेंकते थे। वहीं, पड़ोस के एक लड़के ने मेरा यौन शोषण किया और उसके माता-पिता ने मानसिक और आर्थिक शोषण। हमें नौकर की तरह काम कराया जाता था।”
हिमांगी सखी ने अपनी मां की मौत के बाद की स्थिति का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “मां का निधन मेरे लिए राहत की तरह था क्योंकि वह जिस तरह का जीवन जी रही थीं, वह असहनीय था। उनका दर्द देखना मुश्किल था।”
यह कहानी हिमांगी सखी के संघर्ष, पीड़ा और समाज में हाशिए पर खड़े लोगों की दर्दनाक वास्तविकता को उजागर करती है। उनकी यह कहानी समाज के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है।
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