जी.पी.दुबे
97210 711 75
प्रयागराज महाकुम्भ 2025: महाकुंभ में आसमानी सुरक्षा के नए आयाम
NGV PRAKASH NEWS
लखनऊ, 15 जनवरी 2025:
प्रयागराज महाकुंभ 2025 में उत्तर प्रदेश पुलिस ने सुरक्षा के क्षेत्र में नई ऊंचाईयां छूते हुए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग शुरू किया है। इस महाकुंभ में ड्रोन टेक्नोलॉजी ने सुरक्षा के नए अध्याय की शुरुआत की है। डीजीपी प्रशांत कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि मकर संक्रांति पर पहले अमृत स्नान के दौरान ड्रोन के माध्यम से भीड़ और सुरक्षा की सटीक निगरानी की गई।
टेथर्ड ड्रोन का उपयोग और उनकी क्षमताएं
यूपी पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था के तहत चार टेथर्ड ड्रोन और तीन हाईटेक ड्रोन तैनात किए हैं। ये टेथर्ड ड्रोन 12 घंटे तक लगातार निगरानी कर सकते हैं और 120 मीटर की ऊंचाई तक उड़ान भरते हुए 3 किलोमीटर के दायरे को कवर करते हैं।
थर्मल और आईआर कैमरे: ड्रोन में लगे हाईटेक थर्मल और इंफ्रारेड कैमरों के माध्यम से दिन-रात लाइव फीड मिल रही है।
भीड़ प्रबंधन: ड्रोन थर्मल इमेजिंग के जरिए भीड़ की सघनता का विश्लेषण कर रहे हैं, जिससे ट्रैफिक और क्राउड कंट्रोल को सुव्यवस्थित किया जा रहा है।
संदिग्ध गतिविधियों पर नजर
डीजीपी ने बताया कि ड्रोन संदिग्ध लोगों की पहचान करने में भी मदद कर रहे हैं। ये डाटा और लाइव वीडियो ग्राउंड कंट्रोल रूम को भेजते हैं, जिससे पुलिस कर्मियों की तैनाती और वीआईपी सुरक्षा को सटीक बनाया जा रहा है।
एंटी ड्रोन सिस्टम की तैनाती
आसमान से संभावित खतरों को रोकने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी और रडार आधारित तीन एंटी ड्रोन सिस्टम लगाए गए हैं। अब तक 9 अवैध ड्रोन निष्क्रिय किए जा चुके हैं, जिनमें से 6 ड्रोन मकर संक्रांति के दिन पकड़े गए।
सुरक्षा अधिकारियों की भूमिका
एडीजी सुरक्षा रघुवीर लाल: टेथर्ड ड्रोन की निगरानी।
एडीजी ट्रैफिक सत्यनारायण और आईजी ट्रैफिक सुभाष दुबे: ट्रैफिक प्रबंधन के ड्रोन की जिम्मेदारी।
एडीजी एटीएस नीलाब्जा चौधरी: एटीएस के ड्रोन की निगरानी।
इसके अतिरिक्त, अंडरवॉटर ड्रोन के जरिए भी सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता बनाया गया है।
महाकुंभ की सुरक्षा में नई मिसाल
ड्रोन टेक्नोलॉजी के जरिए यूपी पुलिस ने महाकुंभ की सुरक्षा में आधुनिकता का समावेश किया है, जिससे श्रद्धालु सुरक्षित माहौल में अपने धार्मिक अनुष्ठान कर पा रहे हैं।
NGV PRAKASH NEWS