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गोरखपुर: भक्सा गांव में दो किशोरों की निर्मम हत्या, पुलिस तीन संदिग्धों की तलाश में रवाना
गोरखपुर के सहजनवां के भक्सा गांव में दो किशोरों की निर्मम हत्या ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया है। 12 साल के प्रिंस और 14 साल के अभिषेक की लाशें सरसों के खेत में पड़ी मिली थीं, दोनों का गला रेता गया था और हाथ-पैर रस्सी से बंधे थे। इस हत्याकांड ने जहां परिजनों को गहरे सदमे में डाल दिया है, वहीं पुलिस भी कई सवालों के जवाब तलाशने में जुटी है।
तीन संदिग्धों की तलाश में पुलिस की तीन टीमें दिल्ली, प्रयागराज और महाराष्ट्र रवाना
इस जघन्य हत्याकांड में पुलिस की नजर गांव के तीन युवकों पर टिकी हुई है, जिनकी उम्र 18 से 20 साल के बीच बताई जा रही है। घटना के बाद से ही ये तीनों युवक गांव से गायब हैं, जिससे पुलिस का शक गहराता जा रहा है। खोजी कुत्तों ने भी इनके घर के पास रुककर भौंकना शुरू कर दिया था, जिसके बाद ये अचानक लापता हो गए।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इन तीनों के मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर लगाया गया, तो उनकी लोकेशन दिल्ली, प्रयागराज और महाराष्ट्र में मिली। इसके बाद तीन टीमें गठित कर उन्हें पकड़ने के लिए रवाना कर दिया गया। पुलिस को उम्मीद है कि इन संदिग्धों की गिरफ्तारी के बाद हत्याकांड की गुत्थी सुलझ सकती है।
परिवार में पसरा मातम, बहन बोली – अब कौन सिखाएगा साइकिल चलाना?
प्रिंस और अभिषेक के घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल है। प्रिंस की बहन रितिका अपने भाई को याद कर बार-बार बिलख रही है। उसने कहा, “भइया मुझे रोज साइकिल चलाना सिखाता था, लेकिन अब वह कभी नहीं लौटेगा।”
प्रिंस के पिता राकेश पुलिस की कार्यशैली से नाराज हैं। उन्होंने कहा, “पुलिस ने 48 घंटे में खुलासा करने का वादा किया था, लेकिन हत्यारे आज भी खुले घूम रहे हैं।”
सांसद चंद्रशेखर आजाद ने परिवार से की बात, न्याय का भरोसा दिलाया
मंगलवार देर शाम भीम आर्मी के प्रदेश संगठन सचिव के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल भक्सा गांव पहुंचा। सचिव ने नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद की वीडियो कॉल कर अभिषेक के पिता इंद्रेश और मां रीता देवी से बातचीत कराई। रीता देवी ने सांसद से घर आकर न्याय दिलाने की गुहार लगाई, जिस पर चंद्रशेखर ने भरोसा दिलाया कि वह इस मामले में प्रशासन पर दबाव बनाएंगे और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए लड़ेंगे।
क्या था पूरा मामला?
भक्सा गांव में 19 जनवरी को प्रिंस अपनी मां के साथ रिश्तेदार के घर आया था। वहीं उसकी दोस्ती अभिषेक से हो गई। दोनों रोज शाम को साइकिल से खेत की ओर जाते थे। 23 जनवरी की शाम पांच बजे वे खेत की तरफ गए, लेकिन फिर कभी लौटकर नहीं आए। अगले दिन सुबह उनका शव गांव से करीब एक किलोमीटर दूर सरसों के खेत में पड़ा मिला। दोनों के शवों के बीच 100 मीटर की दूरी थी, मुंह में कपड़ा ठूंसा था और हाथ-पैर रस्सी से बंधे थे।
पुलिस के सामने कई सवाल, हो सकता है किसी राज़ का गवाह बने हों मासूम?
घटना की जांच में जुटी पुलिस कई पहलुओं पर काम कर रही है। एक बड़ा सवाल यह भी है कि क्या दोनों मासूम किसी अपराध या गलत काम के गवाह बन गए थे, जिसकी वजह से उनकी हत्या कर दी गई?
पुलिस के मुताबिक, हत्यारे ने चाकू से गला रेतने की कोशिश की थी, लेकिन चाकू ज्यादा तेज नहीं था, इसलिए कई बार वार किया गया। गले पर कई जगह कट के निशान मिले हैं, जो यह साबित करते हैं कि हत्या बेहद निर्ममता से की गई थी।
क्या हत्यारे परिवार के ही जान-पहचान के थे?
परिजनों का कहना है कि उनकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी, लेकिन इस तरह की बर्बर हत्या यह संकेत देती है कि अपराधियों को बच्चों की हर दिन की दिनचर्या के बारे में पूरी जानकारी थी। पुलिस यह भी मान रही है कि हत्यारे कोई बाहरी नहीं, बल्कि गांव के ही लोग हो सकते हैं।
अब पुलिस की टीमें तीन राज्यों में संदिग्धों की तलाश में जुटी हैं, लेकिन बड़ा सवाल यही है – **क्या इस हत्याकांड के असली गुनहगार जल्द ही पकड़े जाएंगे,
NGV PRAKASH NEWS
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