
हाईकोर्ट की टिप्पणी पर विवाद, दुष्कर्म के आरोपित को मिली जमानत
प्रयागराज।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक छात्रा से कथित दुष्कर्म के आरोपित को जमानत देते हुए जो टिप्पणी की, वह अब विवाद का विषय बन गई है। न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की एकल पीठ ने कहा कि “पीड़िता ने खुद ही परेशानी को न्योता दिया था और वह इसके लिए जिम्मेदार है।” इस टिप्पणी को लेकर कानूनी और सामाजिक स्तर पर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
यह मामला गौतम बुद्ध नगर के थाना-126 में दर्ज हुआ था, जिसमें भारतीय न्याय संहिता की धारा 64 के तहत 11 दिसंबर, 2024 को आरोपित निश्चल चंदक को गिरफ्तार किया गया था। पीड़िता नोएडा स्थित एक यूनिवर्सिटी की छात्रा है, जो अपनी तीन सहेलियों के साथ दिल्ली के हौज खास इलाके के एक बार में गई थी।
पीड़िता का आरोप है कि बार में शराब के नशे की हालत में आरोपित ने उसके साथ लगातार नजदीकी बढ़ाई और उसे ‘आराम’ के बहाने अपने साथ ले गया। आरोपित ने उसे नोएडा के बजाय गुड़गांव स्थित एक रिश्तेदार के फ्लैट में ले जाकर दुष्कर्म किया। वहीं, आरोपित का कहना है कि दोनों के बीच संबंध आपसी सहमति से बने थे।
हाईकोर्ट ने यह कहते हुए जमानत मंजूर की कि यदि पीड़िता के आरोपों को सही मान भी लिया जाए, तो यह प्रतीत होता है कि उसने खुद ही जोखिम उठाया और अपने फैसलों के कारण वह स्थिति उत्पन्न हुई। कोर्ट ने यह भी कहा कि मेडिकल रिपोर्ट में यौन हिंसा की पुष्टि नहीं हुई है।
हालांकि, कोर्ट की यह टिप्पणी व्यापक स्तर पर बहस को जन्म दे रही है। महिला अधिकार कार्यकर्ताओं और कानूनी विशेषज्ञों ने इसपर सवाल उठाए हैं कि क्या ऐसी टिप्पणियाँ पीड़ितों के मनोबल को तोड़ने वाली नहीं होतीं?
NGV PRAKASH NEWS