
बस्ती, 24 मई 2025 – NGV PRAKASH NEWS
विद्युत विभाग में निजीकरण के खिलाफ कर्मचारियों का प्रदर्शन शुक्रवार को और तेज हो गया। निजीकरण के विरोध में कर्मचारी लगातार धरना दे रहे हैं। इस दौरान विभागीय कार्यालय लखनऊ से मिल रही धमकियों का भी खुलकर विरोध किया गया। कर्मचारियों ने लखनऊ से आए धमकी भरे पत्रों की प्रतियां जलाईं और जोरदार नारेबाजी की।
अधीक्षण अभियंता विद्युत विभाग के परिसर में हुए इस प्रदर्शन में सैकड़ों की संख्या में कर्मचारी जुटे, जिनमें महिला कर्मचारियों ने भी अपनी आवाज बुलंद की। यूनियन नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि विभाग ने निजीकरण पर जोर दिया, तो गरीब और किसानों के घरों में जल रहे बल्ब भी बंद हो जाएंगे।
यूनियन नेताओं ने कहा कि निजीकरण के बाद बिजली की दरें 15-16 रुपए प्रति यूनिट तक पहुंच जाएंगी। गरीब और किसान इतनी महंगी बिजली का बिल नहीं चुका पाएंगे। “हम अपनी लड़ाई के साथ-साथ गरीबों और किसानों की भी लड़ाई लड़ रहे हैं,” यूनियन नेताओं ने कहा।
उन्होंने आरोप लगाया कि कर्मचारियों को डराने-धमकाने की कोशिशें की जा रही हैं और निजीकरण के बाद ट्रेड यूनियनों के अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा रहा है। “अगर जरूरत पड़ी और केंद्रीय नेतृत्व ने निर्णय लिया, तो हम हड़ताल तक जाएंगे,” यूनियन नेताओं ने एलान किया।
यूनियन की ओर से 29 मई से कार्य बहिष्कार के लिए नोटिस दे दिया गया है। कर्मचारियों ने साफ कहा है कि जब तक उनकी आवाज सुनी नहीं जाएगी, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।
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