केमिकल फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट में मरने वालों की संख्या हुई 34

हैदराबाद, 01 जुलाई 2025 | NGV PRAKASH NEWS विशेष रिपोर्ट

तेलंगाना के पटानचेरु इलाके में स्थित सिगाची इंडस्ट्रीज के केमिकल प्लांट में सोमवार को हुए भीषण विस्फोट ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया। इस दर्दनाक हादसे में अब तक 34 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। जिला पुलिस अधीक्षक परितोष पंकज के अनुसार, मलबे से 31 शव बरामद किए गए, जबकि तीन श्रमिकों की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई

🔥 विस्फोट और आग ने मचाई तबाही

बताया गया कि यह भयावह विस्फोट उस वक्त हुआ जब प्लांट में रूटीन ऑपरेशन्स चल रहे थे। अचानक एक रिएक्टर ब्लास्ट हुआ, जिससे फैक्ट्री परिसर में भीषण आग लग गई। हादसे के समय करीब 150 कर्मचारी प्लांट में मौजूद थे, जिनमें से 90 कर्मचारी सीधे विस्फोट की चपेट में आए। विस्फोट इतना तेज था कि श्रमिकों को संभलने तक का मौका नहीं मिला।

🚨 राहत व बचाव कार्य युद्धस्तर पर

घटना के तुरंत बाद दमकल विभाग, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, स्थानीय पुलिस और भारी मशीनरी जैसे हाइड्रा क्रेन को राहत एवं बचाव कार्य में लगाया गया। बचाव अभियान का अंतिम चरण अभी भी जारी है और मलबे में कुछ और लोगों के दबे होने की आशंका बनी हुई है।

🔍 जांच के घेरे में सुरक्षा मानक

पुलिस और औद्योगिक सुरक्षा विभाग ने हादसे के कारणों की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में यह देखा जा रहा है कि क्या प्लांट में सुरक्षा मानकों का पालन किया गया था या नहीं। विस्फोट से पहले कोई चेतावनी संकेत या सुरक्षा अलार्म सक्रिय हुआ था या नहीं, इस पर भी जांच केंद्रित है।

🏭 फैक्ट्री को भारी नुकसान

फिलहाल प्लांट को हुए आर्थिक और संरचनात्मक नुकसान का पूरा आकलन नहीं किया जा सका है, लेकिन अधिकारियों के अनुसार, केमिकल रिएक्टर यूनिट पूरी तरह तबाह हो चुकी है और अग्निशमन की तमाम कोशिशों के बावजूद प्लांट का एक बड़ा हिस्सा जलकर राख हो गया।


🕯️ सवालों के घेरे में औद्योगिक सुरक्षा

यह हादसा न सिर्फ एक तकनीकी चूक, बल्कि औद्योगिक लापरवाही का बड़ा उदाहरण बनकर सामने आया है। सवाल यह भी उठ रहा है कि इतने संवेदनशील रसायनों के साथ काम कर रहे प्लांट में कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त उपाय क्यों नहीं किए गए?

सरकार ने मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे की घोषणा करने की बात कही है, लेकिन सवाल यह है कि क्या हर हादसे के बाद मुआवजा देना ही काफी है, या अब समय आ गया है कि औद्योगिक सुरक्षा के मानकों की पुनर्समीक्षा की जाए।

🛑 NGV PRAKASH NEWS

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