पहले खूब मारा उसके वह भतीजे की चाची के साथ करवा दी शादी

सुपौल कांड: चाचा की साजिश या भतीजे-चाची का प्रेम? जबरन शादी, पिटाई और वायरल वीडियो ने खड़े किए कई सवाल

सुपौल, बिहार | 8 जुलाई 2025 | NGV PRAKASH NEWS

बिहार के सुपौल जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें रिश्तों की मर्यादा, सामाजिक नैतिकता और कानून सब कुछ तार-तार होता नजर आ रहा है। एक युवक को पहले डंडों से पीटा गया, फिर उसे अपनी ही चाची के साथ जबरन शादी करने के लिए मजबूर किया गया। यह पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई और अब सोशल मीडिया पर वायरल है।

घटना के केंद्र में हैं डॉ. मिथलेश कुमार, जिनका आरोप है कि उन्हें चाचा शिवचंद्र मुखिया ने धोखे से अपने घर बुलाया। कहा गया कि चाची बीमार हैं और इलाज के लिए उनकी मदद चाहिए। लेकिन जैसे ही मिथलेश वहां पहुंचे, उन्हें कथित तौर पर कमरे में बंद कर दिया गया और फिर उनके साथ मारपीट की गई। इसके बाद गांव वालों के सामने उन्हें चाची के साथ शादी करने पर मजबूर किया गया।

चाचा की साजिश या प्रेम संबंध?

घटना के बाद इलाके में चर्चा का बाजार गर्म है। कुछ लोग इसे चाचा की साजिश बता रहे हैं, तो कुछ का मानना है कि भतीजे और चाची के बीच पहले से प्रेम संबंध थे। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि युवक को डंडों से पीटा जा रहा है और फिर शादी की रस्म कराई जा रही है।

पीड़ित मिथलेश ने इन संबंधों से साफ इनकार किया है। उनका कहना है कि यह सब उन्हें फंसाने की साजिश थी। वहीं दूसरी ओर, गांव के कुछ लोगों का दावा है कि दोनों के बीच पहले से नजदीकियां थीं, जो परिवार की नजर में खटक रही थीं।

जबरन शादी और कानूनी सवाल

यह घटना सिर्फ पारिवारिक या सामाजिक नहीं, बल्कि कानूनी दृष्टि से भी गंभीर है। एक व्यक्ति को बंधक बनाकर जबरन विवाह कराना, शारीरिक रूप से प्रताड़ित करना और फिर उस वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल करना – ये सभी कृत्य आईपीसी की कई धाराओं के अंतर्गत संगीन अपराध हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार, जबरन विवाह धारा 366, मारपीट धारा 323, और बंधक बनाना धारा 342 के अंतर्गत आता है। यदि यह साबित हो गया कि विवाह युवक की मर्जी के खिलाफ हुआ, तो इसकी वैधता भी अदालत में शून्य हो सकती है।

प्रशासन मौन, अस्पताल में भर्ती दोनों पीड़ित

घटना के बाद डॉ. मिथलेश कुमार और उनकी चाची दोनों को घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सूत्रों के मुताबिक महिला की मानसिक स्थिति भी डांवाडोल बताई जा रही है। वहीं पुलिस की तरफ से अब तक कोई स्पष्ट बयान सामने नहीं आया है।

स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है और पुलिस प्रशासन से कार्रवाई की गुहार लगाई है।

समाज में रिश्तों की गिरती मर्यादा

यह घटना एक बार फिर दर्शाती है कि ग्रामीण समाज में पंचायती न्याय के नाम पर किस तरह कानून को हाथ में लिया जाता है। रिश्तों की मर्यादा, कानून की गरिमा और व्यक्ति की स्वतंत्रता — सब कुछ ताक पर रख दिया गया।

यदि प्रेम था, तो इसकी सामाजिक और कानूनी मान्यता के विकल्प थे। यदि प्रेम नहीं था और यह साजिश थी, तो सवाल उठता है कि परिवार के अंदर ही इतनी घृणा और षड्यंत्र क्यों जन्म ले रहे हैं?


👉 इस घटना ने कई सवाल खड़े किए हैं:

क्या यह जबरन विवाह कानूनी रूप से टिक पाएगा?

क्या डॉ. मिथलेश वाकई निर्दोष हैं या सच छिपा रहे हैं?

प्रशासन ऐसे मामलों में क्या कठोर कदम उठाएगा?

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