“नकली संविधान के अंदर कोरे कागज” राहुल गांधी की सभा में बटे लाल किताब पर सियासी घमासान

Gyan Prakash Dubey

‘नकली संविधान के अंदर कोरे कागज’: राहुल गांधी की रैली में बंटी ‘लाल किताब’ पर सियासी घमासान

नई दिल्ली.
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के नागपुर में हुए संविधान सम्मेलन के दौरान बांटी गई ‘लाल संविधान किताब’ को लेकर विवाद गहराता जा रहा है।

भाजपा ने इस किताब को लेकर कांग्रेस पर हमला बोलते हुए इसे ‘संविधान के नाम पर जनता को भ्रमित करने’ की कोशिश बताया है।

भाजपा का आरोप: ‘संविधान सिर्फ बहाना, लाल पुस्तक को बढ़ाना’

राहुल गांधी द्वारा लोगों को लाल कवर वाली संविधान किताब बांटने पर भाजपा ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए इसे जनता के बीच भ्रम फैलाने की चाल बताया। भाजपा की महाराष्ट्र इकाई ने सोशल मीडिया पर तस्वीरें साझा करते हुए कहा, “संविधान सिर्फ बहाना है, लाल पुस्तक को बढ़ाना है। मोहब्बत के नाम पर नफरत फैलाना है।”

कांग्रेस की सफाई: ‘सिर्फ नोटपैड दिया गया’

इस आरोप पर कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने भाजपा को जवाब दिया। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी के नागपुर दौरे से भाजपा इतनी घबराई हुई क्यों है? संविधान सम्मान सम्मेलन में मान्यवरों को नोटपैड और पेन दिए गए थे। यह केवल एक नोटपैड था, न कि संविधान का अपमान।” उन्होंने भाजपा पर फेक नैरेटिव गढ़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा राहुल गांधी और संविधान के नाम पर झूठ का प्रचार कर रही है।

फडणवीस का बयान: ‘अर्बन नक्सल मानसिकता’

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने राहुल गांधी के लाल संविधान दिखाने को उनकी ‘अर्बन नक्सल मानसिकता’ का प्रतीक बताते हुए उन पर कांग्रेस में नक्सल विचारधारा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।

भाजपा की प्रतिक्रिया: ‘संविधान का अपमान

भाजपा ने विजय वडेट्टीवार के बयान का जवाब देते हुए कहा, “राहुल गांधी का यह कदम डॉ. आंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान का अपमान है। कांग्रेस ने पहले भी संविधान का सम्मान नहीं किया और अब इसे नोटपैड के रूप में इस्तेमाल कर रही है।”

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