Gyan Prakash Dubey
धरती के पास से गुजरा स्टेडियम के आकार का एस्टेरॉयड, वैज्ञानिकों की रही पैनी नजर
नई दिल्ली 4 दिसंबर 24.
4 दिसंबर 2024 की सुबह 11 बजे धरती के करीब से एक विशाल एस्टेरॉयड गुजरा। यह एस्टेरॉयड 2020 XR था, जिसकी चौड़ाई लगभग 1200 फीट थी। यह धरती से सिर्फ 22 लाख किलोमीटर की दूरी से गुजरा। अंतरिक्ष के पैमाने पर यह दूरी बेहद कम मानी जाती है। अगर यह एस्टेरॉयड धरती की ओर थोड़ा भी झुक जाता, तो बड़ा खतरा पैदा हो सकता था।
तेज गति से गुजरा एस्टेरॉयड
नासा के जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के अनुसार, यह एस्टेरॉयड 44,300 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से धरती के पास से गुजरा। इसे नीयर अर्थ ऑब्जेक्ट्स (NEO) की श्रेणी में रखा गया था। यह पत्थर सूरज और धरती के बीच की दूरी से तीन गुना ज्यादा दूरी वाली कक्षा में घूम रहा है।
क्या है NEO?
जब कोई 500 फीट या उससे बड़ा एस्टेरॉयड धरती के 75 लाख किलोमीटर के दायरे में आता है, तो उसे नीयर अर्थ ऑब्जेक्ट कहा जाता है। इन्हें संभावित खतरनाक माना जाता है, लेकिन 2020 XR फिलहाल धरती के लिए खतरा नहीं बना।
भविष्य में होगा फिर सामना
वैज्ञानिकों के अनुसार, यह एस्टेरॉयड 1977 में धरती से 1.60 करोड़ किलोमीटर की दूरी से गुजरा था। अब यह नवंबर 2028 में फिर धरती के करीब आएगा, लेकिन तब इसकी दूरी 1.82 करोड़ किलोमीटर होगी। इसके बाद यह 2196 में फिर धरती के पास से गुजरेगा।
वैज्ञानिकों का अध्ययन
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के नीयर अर्थ ऑब्जेक्ट कोऑर्डिनेशन सेंटर के कोऑर्डिनेटर जुआन लुई कानो ने बताया कि जब 2020 XR की खोज हुई थी, तो यह अनुमान लगाया गया था कि यह 2028 में धरती से टकरा सकता है। हालांकि, विस्तृत अध्ययन से पता चला कि यह खतरा नहीं है।
खगोलविदों के लिए अलर्ट
वैज्ञानिक लगातार ऐसे एस्टेरॉयड पर नजर रख रहे हैं। अंतरिक्ष में होने वाली ऐसी गतिविधियां भविष्य में किसी भी संभावित खतरे के प्रति हमारी तैयारी को सुनिश्चित करती हैं।
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