फर्जी मीडिया अधिकारी ने रौब दिखाकर सर्किट हाउस में किया कब्जा, पुलिस जांच में बड़ा खुलासा
जबलपुर। NGV PRAKASH NEWS
जबलपुर में फर्जीवाड़े का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया, जहां एक व्यक्ति ने अपनी फर्जी पहचान का इस्तेमाल करते हुए सरकारी सर्किट हाउस में ठहरने का प्रबंध कराया। आरोपी ने खुद को भोपाल वल्लभ भवन का मीडिया अधिकारी बताया और सीधे कलेक्टर दीपक सक्सेना को फोन किया। उसने 16 और 17 जनवरी के लिए सर्किट हाउस में रुकने हेतु कक्ष की मांग की।
कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?
कलेक्टर को फोन पर सूचना देने के बाद प्रोटोकॉल अधिकारी को निर्देश दिया गया और तुरंत सर्किट हाउस में कक्ष आरक्षित कर दिया गया। आरोपी सुधीर कुमार प्रसाद गुरुवार को सर्किट हाउस पहुंचा। वहां के कर्मचारियों ने उसे मंत्रालय का अधिकारी समझकर खूब सेवा-सत्कार किया।
रात को हूटर वाली गाड़ी ने बढ़ाया शक
बृहस्पतिवार की रात सुधीर हूटर लगी एक काली फिल्म चढ़ी कार में घूमने निकला। गाड़ी से लगातार हूटर बज रहा था, जिससे पुलिस का ध्यान उसकी ओर गया। जब पुलिस ने गाड़ी को रोका और जांच शुरू की, तो आरोपी ने पुलिस कर्मियों पर रौब झाड़ते हुए अपनी फर्जी पहचान का इस्तेमाल किया।
ऐसे हुआ भंडाफोड़
पूछताछ के दौरान आरोपी ने खुद को कभी मंत्रालय का मीडिया अधिकारी तो कभी अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी बताया। पुलिस को उसकी बातों पर संदेह हुआ। अधिकारियों से संपर्क कर जब मंत्रालय से जानकारी मांगी गई, तो यह साफ हो गया कि सुधीर कुमार प्रसाद नाम का कोई व्यक्ति मंत्रालय का मीडिया अधिकारी नहीं है।
पूछताछ में कबूल की सच्चाई
संदेह बढ़ने पर जब आरोपी से सख्ती से पूछताछ की गई, तो उसने अपनी असलियत कबूल कर ली। सुधीर ने स्वीकार किया कि उसने फर्जी परिचय का सहारा लेकर कलेक्टर को गुमराह किया और सर्किट हाउस में ठहरने का इंतजाम कराया।
कलेक्टर का बयान
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया, “एक व्यक्ति ने स्वयं को मंत्रालय का मीडिया अधिकारी बताकर फोन किया था। प्रोटोकॉल अधिकारी को सूचना दी गई और सर्किट हाउस में कक्ष आवंटित कर दिया गया। जब मंत्रालय से जांच कराई गई, तो पता चला कि वह व्यक्ति फर्जी है। पुलिस को मामले की सूचना दे दी गई है, और कार्रवाई जारी है।”
आरोपी पर क्या कार्रवाई होगी?
फर्जीवाड़े का यह मामला गंभीर है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उसकी गतिविधियों की जांच की जा रही है। यह मामला प्रशासनिक अधिकारियों की सतर्कता और सरकारी सुविधाओं के दुरुपयोग का एक बड़ा उदाहरण बनकर सामने आया है।
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