
मौनी अमावस्या पर मरा समझा गया शख्स, तेरहवीं की तैयारी के बीच घर लौटा!
प्रयागराज, 13 फरवरी 2025
मौत के बाद इंसान लौटकर आता है—ये बात सिर्फ कहानियों में सुनी होगी, लेकिन प्रयागराज के जीरो रोड में रहने वाले खूंटी गुरु की कहानी इससे कम नहीं। महाकुंभ के मौनी अमावस्या स्नान पर्व के दौरान भगदड़ में लापता हुए खूंटी गुरु को सबने मृत मान लिया था। परिवार न होने के कारण मोहल्लेवालों ने तेरहवीं का भोज आयोजित करने की तैयारी कर ली थी, लेकिन भोज से ठीक पहले खूंटी गुरु खुद ई-रिक्शा से उतरकर घर पहुंच गए!
तेरहवीं के लिए पक रहा था भोजन, ई-रिक्शा से पहुंचे “मृतक”
मौनी अमावस्या पर संगम स्नान करने गए खूंटी गुरु 28 जनवरी से लापता थे। कई दिनों तक कोई खबर न मिलने पर स्थानीय लोगों ने मान लिया कि भगदड़ में उनकी जान चली गई। ऐसे में प्रतीकात्मक तेरहवीं की तैयारी शुरू कर दी गई। 13 ब्राह्मणों के भोज का आयोजन किया जा रहा था, लेकिन तभी एक ई-रिक्शा आकर रुका और उससे खुद खूंटी गुरु उतर पड़े। उन्हें देखकर मोहल्ले में सन्नाटा छा गया, फिर कुछ ही पलों में यह सन्नाटा हैरानी और खुशियों में बदल गया।
कौन हैं खूंटी गुरु?
कांग्रेस नेता अभय अवस्थी के मुताबिक, खूंटी गुरु अकेले रहते हैं। जीरो रोड बस अड्डे के सामने ही वे दोनों वक्त का भोजन और नाश्ता करते हैं। कोई परिवार नहीं होने के कारण उनके साथी ही उनकी मदद करते हैं। जब वह लापता हुए, तो सभी ने मान लिया कि अब वे इस दुनिया में नहीं हैं। लेकिन उनकी “वापसी” ने सभी को चौंका दिया।
भगदड़ के बाद कहां थे खूंटी गुरु?
इस पूरे घटनाक्रम में सबसे बड़ा सवाल यह है कि भगदड़ के बाद खूंटी गुरु आखिर कहां थे? यह अभी साफ नहीं हुआ है, लेकिन बताया जा रहा है कि हादसे में घायल होने के बाद वह किसी अन्य इलाके में भटक गए थे और अब सही सलामत घर लौट आए हैं।
यह घटना मोहल्ले में लंबे समय तक चर्चा का विषय बनी रहेगी। जहां लोग इस “तेरहवीं से पहले वापसी” को एक चमत्कार मान रहे हैं ।
NGV PRAKASH NEWS
