
हिमाचल में कहर बनकर टूटा मानसून: बादल फटने से 10 मौतें, 30 लापता, करोड़ों की संपत्ति तबाह
NGV PRAKASH NEWS | शिमला | 2 जुलाई 2025
हिमाचल प्रदेश में मंगलवार का दिन प्राकृतिक आपदा का सबसे भयावह चेहरा लेकर आया। पूरे राज्य में 11 स्थानों पर बादल फटे, जिसके चलते 10 लोगों की जान चली गई, जबकि 30 से अधिक लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। कई इलाकों में बाढ़, भूस्खलन, जलभराव और पेयजल संकट जैसे हालात बन गए हैं।
सबसे ज्यादा तबाही मंडी में
मंडी जिले में गोहर, करसोग, थुनाग और धर्मपुर उपमंडलों में सात जगह बादल फटने की पुष्टि हुई है। गोहर के स्यांज क्षेत्र में ज्यूणी खड्ड में आई बाढ़ में दो घर समा गए, जिससे झाबे राम और पदम देव समेत उनके परिवार के नौ सदस्य बह गए। दो शव कांगड़ा और जोगिंद्रनगर में ब्यास नदी किनारे मिले हैं, जबकि शेष की तलाश जारी है।
बाड़ा पंचायत में मकान ढहने से मलबे में दबे छह लोगों में मां-बेटे की मौत हो गई, जबकि चार को तीन घंटे की रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बचा लिया गया। परवाड़ा गांव में मां, बेटा और बहू तेज नाले की चपेट में आ गए। पांच वर्षीय बच्ची को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
सराज उपमंडल के बगस्याड़, थुनाग और जंजैहली में भी तबाही हुई है, जहां एक स्कूलकर्मी के परिवार के 19 सदस्य बाढ़ में बह गए। अब तक चार शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि 15 लोग लापता हैं।
इंफ्रास्ट्रक्चर को बड़ा नुकसान
- 406 सड़कें अब भी बंद हैं
- 1515 ट्रांसफार्मर फेल होने से बिजली गुल
- 171 पेयजल योजनाएं प्रभावित
- मंडी के लारजी और डैहर पावर हाउस में बिजली उत्पादन 28 घंटे से ठप
- पांच बड़े पुल बह गए हैं
- धर्मपुर के स्याठी गांव में 10 मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गए
- 16 मेगावाट के पटिकरी प्रोजेक्ट को भारी क्षति
- मंडी जिले में 24 घर व 12 पशुशालाएं पूरी तरह तबाह हो गई हैं और 70 मवेशियों की मौत हो चुकी है
स्वां नदी में फंसे पांच प्रवासी मजदूरों को 2 घंटे बाद रेस्क्यू
ऊना जिले के बसाल गांव से होकर बहने वाली स्वां नदी में जलस्तर अचानक बढ़ जाने से मछली पकड़ने गए पांच प्रवासी मजदूर बीच में फंस गए। पुलिस और गृहरक्षकों की मुस्तैदी से करीब ढाई घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद उन्हें सुरक्षित निकाला गया।
रेल और सड़क यातायात प्रभावित
- कालका-शिमला रेलमार्ग पर सोलन और सलोगड़ा में हुए भूस्खलन के चलते ट्रेनों की आवाजाही बाधित रही
- पठानकोट-मंडी फोरलेन पर बिजणी सुरंग के पास भूस्खलन से भारी नुकसान
- कीरतपुर-मनाली फोरलेन रातभर बंद रही, जिससे 1000 से अधिक वाहन फंसे रहे
- मंडी शहर में जलभराव के कारण कई लोगों को राहत शिविरों में शिफ्ट किया गया
रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटा प्रशासन
उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने स्वयं रातभर आपदा प्रबंधन टीमों के साथ समन्वय बनाकर राहत कार्यों की निगरानी की। उन्होंने गोहर, करसोग, बालीचौकी और थुनाग क्षेत्रों का दौरा किया और सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया।
भविष्य की चेतावनी और सरकारी कार्रवाई
मौसम विभाग ने आगामी 3 जुलाई तक प्रदेश में भारी वर्षा की संभावना जताई है। 4 और 5 जुलाई को भी कांगड़ा, मंडी, ऊना, शिमला, सिरमौर और सोलन में बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
500 करोड़ से अधिक नुकसान का अनुमान
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि अभी तक 500 करोड़ रुपये से अधिक की क्षति का अनुमान है और नुकसान की गणना जारी है। उन्होंने कहा कि राहत और पुनर्वास कार्यों को युद्ध स्तर पर चलाया जा रहा है, ताकि प्रभावितों को जल्द राहत मिल सके।
NGV PRAKASH NEWS आपसे अपील करता है कि हिमाचल के प्रभावित क्षेत्रों में मौजूद लोग सतर्क रहें, प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और अनावश्यक रूप से नदियों, नालों या पहाड़ी ढलानों के पास न जाएं। सहायता के लिए आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम से संपर्क करें।

👉 फोटो दैनिक जागरण के सौजन्य से
