
कोविड वैक्सीन पर फैल रही अफवाहें बेबुनियाद, ICMR और AIIMS की पड़ताल में बड़ा खुलासा
नई दिल्ली, 02 जुलाई 2025
✍ NGV PRAKASH NEWS डेस्क
देश में कोविड-19 वैक्सीन को लेकर सोशल मीडिया और कुछ समूहों द्वारा फैलाई जा रही अफवाहों को लेकर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR), अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) ने एक विस्तृत अध्ययन और वैज्ञानिक विश्लेषण के बाद बड़ा स्पष्टीकरण दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, कोविड वैक्सीन और युवाओं में अचानक होने वाली मौतों के बीच कोई संबंध नहीं पाया गया है।
❝वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित, डर फैलाना गलत❞
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने दो टूक शब्दों में कहा है कि वैक्सीन को लेकर भ्रम फैलाना न सिर्फ वैज्ञानिक दृष्टिकोण से गलत है, बल्कि यह समाज के लिए खतरनाक भी हो सकता है। मंत्रालय ने साफ किया है कि भारत में अब तक दी गई करोड़ों डोज़ में से बेहद ही कम मामलों में साइड इफेक्ट्स सामने आए हैं, और वे भी मामूली या अस्थायी रहे हैं।
वैज्ञानिक विश्लेषण में क्या निकला?
ICMR और AIIMS ने जिन मामलों की जांच की, उनमें पाया गया कि अचानक हुई मौतों के पीछे हृदय संबंधी समस्याएं, जीवनशैली, पहले से मौजूद बीमारियाँ या अन्य जैविक कारण जिम्मेदार थे — न कि कोविड वैक्सीन।
विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसी मौतों को वैक्सीन से जोड़ना न केवल अवैज्ञानिक है, बल्कि यह जनस्वास्थ्य अभियान को नुकसान पहुंचा सकता है।
❝अफवाहों के पीछे कौन?❞
सरकारी सूत्रों का मानना है कि कुछ असामाजिक तत्व या विदेशी प्रोपेगेंडा नेटवर्क भारत के टीकाकरण अभियान को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर फैलाए जा रहे झूठे वीडियो और फर्जी ग्राफिक्स का उद्देश्य लोगों में डर और वैक्सीन के प्रति अविश्वास फैलाना है।
जनता से अपील
सरकार, चिकित्सा संस्थान और वैज्ञानिक समुदाय ने नागरिकों से अपील की है कि वे केवल अधिकृत स्रोतों से जानकारी प्राप्त करें और सोशल मीडिया पर बिना पुष्टि की गई बातों को आगे न बढ़ाएं। साथ ही, जो लोग अब तक टीका नहीं लगवा पाए हैं, उन्हें जल्द से जल्द वैक्सीनेशन कराने की सलाह दी गई है।
निष्कर्ष:
भारत का कोविड वैक्सीनेशन अभियान न केवल सफल रहा है, बल्कि यह विश्व स्तर पर एक मिसाल बना है। वैज्ञानिक आधार पर किए गए आकलन इस बात को मजबूती से प्रमाणित करते हैं कि कोविड वैक्सीन सुरक्षित है और इससे जुड़ी अफवाहें झूठी, गढ़ी हुई और समाज को गुमराह करने वाली हैं।
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