जी.पी. दुबे
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बीएसए ने प्रधानाध्यापक का वेतन रोकने के लिए दिया आदेश
बस्ती 31 मार्च 24.
कप्तानगंज विकासखंड के अंतर्गत कम्पोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय खजुरिया मिश्र पर तैनात प्रधानाध्यापक राम जियावन वर्मा का वेतन रोकने का आदेश बेसिक शिक्षा अधिकारी नें दिया है ।
प्रधानाध्यापक राम जियावन वर्मा पर विद्यालय परिसर में चोरी से दो चिलबिल का पेड़ बेचने का आरोप लगा है ।
बीईओं प्रभात कुमार श्रीवास्तव ने प्रधानाध्यापक को बिना विभाग को सूचना दिये दो पेड़ चिलबिल की बिक्री कर पेड़ कटाने के मामले में नोटिस जारी किया था और प्रधानाध्यापक से स्पष्टीकरण मांगा था ।
प्रधानाध्यापक राम जियावन वर्मा ने एक सप्ताह के अन्दर बीईओं के नोटिस का जबाब दिया था लेकिन बीईओं प्रभात कुमार श्रीवास्तव प्रधानाध्यापक राम जियावन वर्मा के द्वारा दिये गये स्पष्टीकरण के जबाब से संतुष्ट नहीं थे ।
प्रधानाध्यापक के द्वारा दिये गये नोटिस का जबाब सन्तोष जनक न होने के कारण विभागीय कार्रवाई हेतु बीएसए के पास भेज दिया था ।
बीएसए अनूप कुमार तिवारी ने दोबारा प्रधानाध्यापक राम जियावन वर्मा को नोटिस जारी करके 15 दिन के अन्दर साक्ष्य सहित स्पष्टीकरण का जबाब मांगा लेकिन लगभग 15 दिन बीतने वाला है परंतु प्रधानाध्यापक राम जियावन वर्मा ने बीएसए के द्वारा जारी नोटिस का जबाब नही दिया है । इस सम्बन्ध में बीईओं प्रभात कुमार श्रीवास्तव ने मीडिया टीम से फोन के माध्यम से बताया कि मीडिया को किसी भी मामले में की गई कार्रवाई पूछने का अधिकार नही है हम स्वतंत्र है चाहे बताएं या न बतायें । मीडिया कौन होती है जो कार्रवाई के बारे में जानकारी प्राप्त करती है ।
उक्त प्रकरण में बीएसए अनूप कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि विकासखण्ड कप्तानगंज के अन्तर्गत कम्पोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय खजुरिया मिश्र परिसर में चिलबिल का पेड़ काटने का मामला संज्ञान में है । प्रधानाध्यापक राम जियावन वर्मा का वेतन रोकने का आदेश दिया गया है । स्पष्टीकरण का जबाव मिलने पर प्रधानाध्यापक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जायेगी । बीईओं और बीएसए द्वारा अभी तक जांच आख्या सार्वजनिक नही की गई है । जांच आख्या एवं कार्रवाई फाइलों तक सीमित है । बीईओं एवं बीएसए द्वारा शासनादेश के खिलाफ कटे चिलबिल के पेड़ मामले में लीपापोती करने में जुटे हैं । एक माह से ऊपर का समय बीतने के बाद भी प्रधानाध्यापक राम जियावन वर्मा के खिलाफ विभागीय कार्रवाई न हो पाना शिक्षा विभाग पर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है ।