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रिटायर्ड इंजीनियर के यहां लोकायुक्त का छापा: ‘मिनी मालदीव’ जैसा रिसॉर्ट, 33 लाख कैश, 2.6 किलो सोना, 17 टन शहद और करोड़ों की संपत्ति बरामद
भोपाल/नर्मदापुरम, 10 अक्टूबर 2025 | NGV PRAKASH NEWS
मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने एक बार फिर बड़ा एक्शन लिया है। लोक निर्माण विभाग (PWD) के रिटायर्ड इंजीनियर-इन-चीफ गोविंद प्रसाद मेहरा (जीपी मेहरा) के भोपाल, गोविंदपुरा और नर्मदापुरम स्थित ठिकानों पर लोकायुक्त पुलिस ने एक साथ छापेमारी की। मेहरा पर आरोप है कि उन्होंने अपने पूरे सेवाकाल में भ्रष्टाचार के जरिए वैध आय से कई गुना अधिक संपत्ति अर्जित की है।
चार ठिकानों पर छापेमारी, करोड़ों की संपत्ति का खुलासा
लोकायुक्त पुलिस महानिदेशक योगेश देशमुख के निर्देशन में चली इस कार्रवाई में सोहागपुर (नर्मदापुरम) स्थित सैनी गांव में मिनी मालदीव की तर्ज पर एक रिसॉर्ट जैसी लग्जरी प्रॉपर्टी मिली।
- 32 निर्माणाधीन और 7 निर्मित कॉटेज
- 17 टन शहद और 2 बड़े तालाब (संभावित रिसॉर्ट उपयोग के लिए)
- कृषि भूमि, 6 महंगे ट्रैक्टर, आधुनिक कृषि उपकरण, 2 गौशालाएं और 2 मत्स्य पालन केंद्र
यह पूरा सेटअप किसी बड़े कारोबारी की तरह तैयार किया गया था, जबकि मेहरा एक सरकारी अधिकारी थे।
नकदी, सोना-चांदी और एफडी से भरा फ्लैट
भोपाल स्थित ओपल रेजेंसी में बने फ्लैट में रेड के दौरान भारी मात्रा में नकदी और कीमती धातुएं बरामद हुईं।
- ₹26 लाख नकद
- 2 किलो 649 ग्राम सोना (अनुमानित कीमत ₹3.05 करोड़)
- 5 किलो 523 ग्राम चांदी (अनुमानित कीमत ₹5.93 लाख)
इसके अलावा मणीपुरम कॉलोनी स्थित उनके एक अन्य घर से ₹8.79 लाख नकद, करीब ₹50 लाख मूल्य के गहने, ₹56 लाख की एफडी और लगभग ₹60 लाख का अन्य कीमती सामान मिला।
फैक्ट्री और लग्जरी गाड़ियों का भी खुलासा
गोविंदपुरा स्थित केटी इंडस्ट्रीज नाम की एक पीवीसी पाइप फैक्ट्री में मेहरा के बेटे रोहित मेहरा और कैलाश नायक की साझेदारी की जानकारी मिली। फैक्ट्री से ₹1.25 लाख नकद के साथ कच्चा और तैयार माल मिला।
इसके अलावा मेहरा परिवार के नाम पर फोर्ड एंडेवर, स्कोडा स्लाविया, किया सोनेट और मारुति सियाज जैसी 4 लग्जरी गाड़ियां भी मिलीं।
लोकायुक्त ने दर्ज किया मामला
लोकायुक्त पुलिस ने जीपी मेहरा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है। बरामद दस्तावेजों में एफडी, शेयर, बीमा पॉलिसी और प्रॉपर्टी के कागज शामिल हैं। फिलहाल दस्तावेजों की जांच जारी है और छापेमारी की कार्रवाई भी आगे बढ़ाई जा रही है।
इस कार्रवाई ने एक बार फिर मध्य प्रदेश के लोक निर्माण विभाग में भ्रष्टाचार की गहराई को उजागर कर दिया है। सरकारी नौकरी के दौरान अर्जित ‘अवैध’ संपत्ति का यह मामला प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया है।
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