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सी एम और डिप्टी सी एम के बीच विवाद क्यों और क्या होगा परिणाम
लखनऊ.
मुख्य मंत्री योगी और उप मुख्य मंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बीच चल रही तनातनी नई नहीं है |
योगी सरकार 1 में ही इसका ताना-बाना बन गया था |
परंतु 2022 में केशव मौर्य के चुनाव हारने के बाद वह कुछ शांत दिखे परंतु भाजपा संगठन द्वारा उत्तर प्रदेश में पिछड़े वोटो के लालच में उनको विधान परिषद भेजते हुए पुनः उपमुख्यमंत्री बना दिया गया |
भारतीय जनता पार्टी का संगठन इस समय आने वाली खतरे को भाप नहीं पाया और 2024 में लोकसभा चुनाव देखते हुए केशव प्रसाद मौर्य को जिनको सारा विवाह समाप्त करने के लिए केंद्र में ले जाना चाहिए था उन्हें राज्य में ही रहने दिया |
अब जबकि उत्तर प्रदेश में भाजपा को पराजय का सामना करना पड़ा तो केशव प्रसाद मौर्य को गरम लोहे पर चोट करने का यही अच्छा मौका नजर आया |
ऊपर से संगठन में सब कुछ सही बताने वाले यह भली बात जानते हैं कि अंदर ही अंदर ज्वालामुखी धधक रहा है | पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर है |
आखिर वह कौन से बड़े कारण है जिनके वजह से केशव प्रसाद मौर्य योगी से नाराज चल रहे हैं…
1.. पहला कारण तो प्रशासनिक अधिकारियों का नकरापन है जिसके ऊपर योगी द्वारा पूर्ण विश्वास किया गया है | सांसदों और विधायकों की शिकायत दिया है कि सरकारी अधिकारी ना तो प्रोटोकॉल का पालन करते हैं और ना ही काम | इसके विपरीत इनके द्वारा भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है|
2…मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा विधायकों तथा सांसदों के साथ बैठक किया जा रहा हैं | लेकिन यह बैठके अलग-अलग हो रही है एक साथ नहीं हो रही |
3…सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री योगी दिल्ली जाने वाले हैं और वहां पर वह अध्यक्ष, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से मुलाकात कर सकते हैं | सूत्रों के अनुसार जिसके कारण दोनों लोग अलग-अलग अपना शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं |
4… पुलिस भर्ती में पेपर लीक होने के बाद दोबारा इसको बिना पेपर लीक हुए परीक्षा करवाना भी एक बड़ा कारण है,जिसमें लगभग 48 लाख परीक्षार्थी शामिल होंगे |
5…. अयोध्या में लोकसभा चुनाव हारना मुख्यमंत्री योगी के लिए बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि पूरे वर्ष में योगी द्वारा कई बार तथा अनेक विकास कार्य अयोध्या में करवाया गया परंतु अयोध्या विधानसभा सीट में कुछ मतों से सही भाजपा प्रत्याशी को बढ़त मिली थी बाकी सभी विधानसभाओं में वह काफी बुरी तरह पराजित हुए थे |
6….अयोध्या के मिल्कीपुर विधानसभा सीट का उपचुनाव भी पार्टी के लिए बहुत बड़ी चुनौती है क्योंकि यहां सी विधानसभा सदस्य अवधेश प्रसाद लोकसभा का चुनाव जीतकर दिल्ली जा चुके हैं और अब सवाल यह उठता है कि क्या योगी मिल्कीपुर विधानसभा का उपचुनाव जीतकर लोकसभा चुनाव में हारने का बदला ले पाएंगे |
7.. वही निषाद पार्टी के अध्यक्ष एवं सरकार में मंत्री संजय निषाद भी समय देखकर योगी सरकार के खिलाफ बोलते नजर आ रहे हैं…
साथ ही सिराथू से केशव प्रसाद मौर्य को पराजित करने वाली पल्लवी पटेल का मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात भी केशव प्रसाद मौर्य अपने खिलाफ साजिश मान रहे हैं |
वहीं पल्लवी पटेल का कहना है कि वह अपने क्षेत्र के विकास के लिए मुख्यमंत्री योगी से मिली थी |
वहीं सूत्रों के अनुसार कार्यकर्ताओं द्वारा यह भी नाराजगी व्यक्त किया जा रहा है कि योगी द्वारा ठाकुर वाद चलाया जा रहा है | एक अदना से कर्मचारियों से लेकर अधिकारियों तक कोई भी भाजपा सरकार होते हुए भी भाजपा कार्यकर्ताओं को तवज्जो नहीं देता है |
ऐसे समय पर जबकि राज्य में भाजपा बुरी तरह पराजित हुई है और 10 विधानसभा सीटों का उपचुनाव सर पर है उसे समय उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य मौके का फायदा भूनना चाहते हैं |
बहरहाल सरकार द्वारा या कहना कि यूपी में सब कुछ आल इस वेल है,वह दिख नहीं रहा है और इसका खामीयाजा भाजपा को हर हाल में उठाना पड़ेगा |
वही मुख्यमंत्री की कुर्सी चाहत रखने वाले केशव प्रसाद मौर्य को अखिलेश द्वारा दिया गया मानसून ऑफर रास आ सकता है क्योंकि 2027 के चुनाव में भी अभी तक सपा का ही पलाड भारी दिखाई दे रहा है |
केशव प्रसाद मौर्य खुद को वर्तमान भविष्य का मुख्यमंत्री मानकर और योगी से नाराज विधायक सपा का ऑफर स्वीकार कर सकते हैं
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