Gyan Prakash Dubey
लाश गिरने दो, मर जाएगा तो पोस्टमार्टम करा देंगे—थानेदार के बेरहम जवाब से कांपी महिला, डीजीपी से लगाई गुहार
मुजफ्फरपुर 22 दिसंबर 24.
बिहार के मुजफ्फरपुर में पुलिस का अमानवीय और संवेदनहीन चेहरा सामने आया है। एक डरी-सहमी महिला ने जब पाँचवीं बार पुलिस को फोन किया, तब जाकर थानेदार ने कॉल उठाया। लेकिन शिकायत सुनने के बाद जो जवाब मिला, वह किसी को भी झकझोर कर रख देगा। थानेदार ने कहा”लाश गिरने दो, मर जाएगा, मार देगा, तब आएंगे और पोस्टमार्टम करा देंगे।”
थानेदार के इस जवाब से महिला की हालत और खराब हो गई। वह खुद को कमरे में बंद कर कांपती रही। ढ़ाई घंटे तक खौफ और आतंक के साये में छिपी रही। महिला के एक परिचित ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) को पूरे मामले की जानकारी संदेश के जरिए दी है।
मामला मिठनपुरा थाना क्षेत्र के राजपूत द्वार मोहल्ले का है। पीड़िता रिंकू देवी ने बताया कि उसका देवर शराबी और नशे का आदी है। आए दिन नशे की हालत में वह परिवार से झगड़ा करता है, लेकिन शनिवार को उसने सारी हदें पार कर दीं।
शराब के नशे में धुत्त होकर देवर ने गाली-गलौज शुरू कर दी। जब रिंकू देवी ने विरोध किया, तो उसने तलवार निकाल ली और जान से मारने की धमकी देने लगा। डर के मारे रिंकू देवी ने खुद को कमरे में बंद कर लिया और डायल 112 पर फोन किया, लेकिन फोन व्यस्त था।
घबराई रिंकू देवी ने अपने परिचित अरुण श्रीवास्तव को फोन किया। उन्होंने मिठनपुरा थानेदार का नंबर दिया। लगातार पाँच बार कॉल करने के बाद थानेदार ने फोन उठाया और शिकायत सुनते ही बेतुका जवाब दे दिया “मार देगा, तब आएंगे और पोस्टमार्टम करा देंगे।”
यह सुनकर महिला और सहम गई। इस दौरान देवर बाहर तलवार लहराता रहा, दरवाजा पीटता रहा और जान से मारने की धमकियां देता रहा। करीब 2:15 से 4:00 बजे तक महिला डर के मारे कमरे में छिपी रही। मोहल्ले के लोगों ने आकर आरोपी को किसी तरह हटाया।
रिंकू देवी के परिचित अरुण श्रीवास्तव ने घटना की गंभीरता को देखते हुए तत्काल डीजीपी और एसएसपी को संदेश भेजकर पूरे मामले की जानकारी दी। उन्होंने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा “जब रक्षक ही भक्षक बन जाएं, तो महिलाएं और पीड़ित कहां जाएं?”
अरुण ने पुलिस अधिकारियों से पूछा—”क्या कानून बदल गया है, जो मदद मांगने वाले को इस तरह के जवाब दिए जाते हैं?”
जब इस मामले पर मिठनपुरा थानेदार राम इकबाल प्रसाद से पूछा गया, तो उन्होंने आरोपों को निराधार करार दिया। उन्होंने कहा—”शिकायत मिलने के बाद पुलिस मौके पर गई थी। मामला नाली के विवाद से जुड़ा है। पीड़िता को थाने में आकर आवेदन देने के लिए कहा गया है।”
हालांकि, थानेदार के इस बयान ने सवालों को और बढ़ा दिया है। आखिर महिला की सुरक्षा का क्या होगा? क्या पुलिस का काम सिर्फ पोस्टमार्टम कराना रह गया है?
पीड़िता ने थानेदार के निलंबन और देवर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग की है। वहीं, स्थानीय लोग भी थानेदार के रवैये की निंदा कर रहे हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की