
Gyan Prakash Dubey
ग्वालियर कोर्ट का बड़ा फैसला: पति द्वारा पत्नी के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध अपराध नहीं
ग्वालियर 11 जनवरी 25.
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में विशेष अदालत ने पति द्वारा पत्नी के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने के मामले में अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि पति का अपनी पत्नी के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाना अपराध की श्रेणी में नहीं आता। विशेष न्यायाधीश विवेक कुमार ने इस मामले में आरोपी पवन मौर्य को धारा 377 के तहत आरोपों से बरी कर दिया।
मामले के अनुसार
आरोपी पवन मौर्य का विवाह 30 नवंबर 2020 को हुआ था। शादी के चार साल बाद, 25 फरवरी 2024 को पवन की पत्नी ने महिला थाना पड़ाव में एफआईआर दर्ज कराई। एफआईआर में उसने आरोप लगाया कि उसका पति शराब पीकर अप्राकृतिक यौन संबंध बनाता है, मारपीट करता है और दहेज की मांग करता है।
इस मामले में पवन मौर्य के खिलाफ धारा 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध), दहेज प्रताड़ना अधिनियम, घरेलू हिंसा और मारपीट सहित कई धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया था।
स्पेशल ट्रायल कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के तर्कों को सुना। कोर्ट ने आरोपी पवन मौर्य को धारा 377 के तहत लगाए गए आरोपों से बरी करते हुए कहा कि पति द्वारा पत्नी के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध अपराध नहीं है।
हाई कोर्ट के फैसले का हवाला
विशेष अदालत ने अपने फैसले में मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के मामले में हाई कोर्ट के आदेश का उल्लेख किया। कोर्ट ने कहा कि भारतीय कानून के तहत, पति द्वारा पत्नी के साथ की गई यौन क्रियाएं बलात्कार या धारा 377 के तहत अपराध नहीं मानी जा सकतीं।
अन्य धाराओं पर ट्रायल जारी रहेगा
हालांकि, अदालत ने साफ किया कि पत्नी द्वारा दर्ज अन्य आरोपों, जैसे दहेज प्रताड़ना और मारपीट के मामले में सुनवाई जारी रहेगी।
यह फैसला कानून और समाज में यौन अधिकारों और घरेलू हिंसा के मुद्दों को लेकर एक नई बहस छेड़ सकता है।
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