
महाकुंभ में मुस्लिमों ने पेश की गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल, खोले दरवाजे; दरी-चादर भी बिछाई
मौनी अमावस्या स्नान के बाद संगम से लौट रहे श्रद्धालुओं की सेवा कर मुस्लिम समुदाय ने गंगा-जमुनी तहजीब की शानदार मिसाल पेश की। नखास कोहना, चौक, रौशनबाग, सेवई मंडी, रानीमंडी, हिम्मतगंज जैसे इलाकों में स्थानीय लोगों ने अपने घरों, दुकानों और धार्मिक स्थलों के दरवाजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए। दो दिनों तक हजारों श्रद्धालु इन स्थानों पर ठहरे और सेवाभाव की मिसाल बनी रही।
यादगार हुसैनी इंटर कॉलेज बना आश्रय स्थल
28 जनवरी की रात कोतवाली क्षेत्र में श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए यादगार हुसैनी इंटर कॉलेज के प्रबंधक गौहर काज़मी ने स्कूल परिसर को श्रद्धालुओं के लिए खोलने का निर्णय लिया। चंद घंटों में स्कूल का मैदान और कक्षाएं श्रद्धालुओं से भर गईं। स्थानीय लोगों ने दरी, चादर, प्लास्टिक बिछाकर आराम की व्यवस्था की और चाय, बिस्किट, पूड़ी-सब्जी का इंतजाम किया। शिक्षक रज़ा अब्बास ज़ैदी, मो. अब्बास, ताहिर हुसैन, हसन अख्तर, एहसन अब्बास समेत कई लोग सेवा में जुटे रहे।
रातभर सेवा में जुटे लोग
आसिफ रज़ा नियाज़ी और शीराज ने बताया कि सेवई मंडी व बांस मंडी में भी श्रद्धालुओं के ठहरने का इंतजाम किया गया। मदरसा शाह वसी उल्लाह के पेश इमाम मो. अमीन, डॉ. अहमद मकीन, महमूद करीम, अहमद ज़यान समेत कई लोगों ने श्रद्धालुओं को ठहराने व भोजन कराने की व्यवस्था की।
मार्केट और मकान किए गए खुले
मंसूर उस्मानी और अशरफ ने मुमताज़ महल परिसर में श्रद्धालुओं को ठहराने का प्रबंध किया। किसी ने चादर, गद्दा दिया, तो किसी ने प्लास्टिक बिछाई। हलवाइयों से भोजन बनवाकर सभी को भोजन कराया गया। मुसाफिरखाना के मैनेजर वसीम ने नूरुल्ला रोड और बुड्ढा ताजिया पहुंचे श्रद्धालुओं की सेवा की।
महाकुंभ में मुस्लिम समुदाय की इस पहल ने सामाजिक एकता और सद्भाव की अनूठी मिसाल पेश की।
NGV PRAKASH NEWS
