मरने के ठीक पहले क्या सोचता है इंसानी दिमाग : वैज्ञानिकों ने किया बड़ा खुलासा

मरने से ठीक पहले क्या सोचता है इंसानी दिमाग? वैज्ञानिकों ने किया बड़ा खुलासा

जीवन अनिश्चितताओं से भरा होता है, लेकिन जन्म और मृत्यु ऐसी सच्चाइयां हैं जिनसे कोई बच नहीं सकता। अक्सर यह सवाल उठता है कि मरने से ठीक पहले इंसान का दिमाग क्या सोचता होगा? इस सवाल का जवाब ढूंढने के लिए वैज्ञानिक वर्षों से शोध कर रहे थे, और अब आखिरकार इसका उत्तर मिल गया है। वाशिंगटन के न्यूरोसाइंटिस्ट्स ने पहली बार एक मरते हुए व्यक्ति के दिमागी गतिविधि को रिकॉर्ड किया, जिससे चौंकाने वाले निष्कर्ष सामने आए हैं।


मरने से पहले क्या सोचता है दिमाग?

यह शोध 2022 में “फ्रंटियर्स इन एजिंग न्यूरोसाइंस” जर्नल में प्रकाशित किया गया था। इसमें कनाडा के एक 87 वर्षीय व्यक्ति को शामिल किया गया, जिसका मिर्गी का इलाज चल रहा था। वैज्ञानिकों ने EEG (इलेक्ट्रोएन्सेफलोग्राम) डिवाइस का उपयोग कर उसकी 900 सेकंड (15 मिनट) की ब्रेन एक्टिविटी रिकॉर्ड की। इलाज के दौरान उसे हार्ट अटैक आया और उसकी मौत हो गई, लेकिन EEG डिवाइस उसके दिमागी तरंगों (Brain Waves) को रिकॉर्ड करता रहा।

EEG डिवाइस क्या करता है?
यह एक खास तकनीक है, जो इलेक्ट्रोड्स के माध्यम से खोपड़ी से जुड़कर दिमागी तरंगों को पढ़ती है। इससे वैज्ञानिकों को यह पता चलता है कि मरने से पहले और मरने के बाद ब्रेन वेव्स किस तरह से सक्रिय रहती हैं।


“लाइफ रिव्यू” – मरने से पहले जीवन के खास लम्हे याद करता है दिमाग

शोध के दौरान वैज्ञानिकों ने पाया कि मरने से ठीक पहले इंसानी दिमाग अपने जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं को याद करता है, जिसे “लाइफ रिव्यू” (Life Review) कहा जाता है।

  • मौत से 30 सेकंड पहले और 30 सेकंड बाद तक दिमाग सक्रिय रहता है।
  • ब्रेन वेव्स खासतौर पर यादों को संरक्षित करने वाले हिस्से में ज्यादा एक्टिव होती हैं।
  • मरने से पहले इंसान अपने जीवन के अच्छे और खास पलों को दोबारा देखता है।
  • यह वही अनुभव है, जिसे “Near Death Experience” (मृत्यु के करीब अनुभव) कहा जाता है।

डॉ. अजमल जेमर (केंटकी यूनिवर्सिटी) ने कहा:
“हमने देखा कि मरने से पहले दिमाग में गामा वेव्स (Gamma Oscillations) बढ़ जाती हैं। यह वही तरंगें हैं, जो इंसान की यादाश्त और चेतना से जुड़ी होती हैं। आध्यात्मिक रूप से यह बहुत शांति देने वाली बात है कि मरने से पहले इंसान अपने जीवन के सबसे अच्छे पलों को याद करता है।”


वैज्ञानिक निष्कर्ष – मौत से पहले खुद को तैयार करता है दिमाग

इस शोध के बाद वैज्ञानिकों का मानना है कि मौत से ठीक पहले इंसानी दिमाग खुद को मृत्यु के लिए तैयार करता है। जिस तरह कोई इंसान सपने देखता है, उसी तरह मरते वक्त दिमाग जीवन के सबसे महत्वपूर्ण पलों को दोबारा जीता है।

इस शोध से यह भी पता चलता है कि मृत्यु कोई अचानक होने वाली घटना नहीं होती, बल्कि दिमाग इसे पहले से ही प्रोसेस करता है। हालांकि, यह शोध अभी शुरुआती चरण में है और भविष्य में इससे जुड़ी और भी महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आ सकती हैं।

NGV PRAKASH NEWS


फोटो सांकेतिक

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