जेल अधीक्षक के खिलाफ उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली डिप्टी जेलर का ही हो गया तबादला

वाराणसी से प्रयागराज: आरोप लगाने वाली डिप्टी जेलर का ही हुआ तबादला!

वाराणसी जिला जेल की डिप्टी जेलर मीना कनौजिया ने जब जेल अधीक्षक उमेश सिंह पर संगीन आरोप लगाए, तो कार्रवाई उनके खिलाफ नहीं हुई—बल्कि खुद मीना का ही तबादला कर दिया गया! अब उन्हें वाराणसी से प्रयागराज के नैनी जेल भेज दिया गया है।

आरोपों की फेहरिस्त: सत्ता की हनक या व्यक्तिगत प्रताड़ना?

मीना कनौजिया के मुताबिक, जबसे उमेश सिंह वाराणसी जिला जेल के अधीक्षक बने, उनका रवैया आपत्तिजनक था। मीना का आरोप है कि:

1. सरकारी बंगले पर बुलाने की जबरदस्ती

मीना ने दावा किया कि उमेश सिंह लगातार उन पर दबाव बना रहे थे कि वे उनके सरकारी बंगले पर आएं। जब उन्होंने मना कर दिया, तो उनका उत्पीड़न शुरू हो गया।

2. ऑफिस में अश्लील बातें और गंदी भाषा

उनका कहना है कि उमेश सिंह न सिर्फ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते थे, बल्कि माहौल को असहज बनाने के लिए अश्लील टिप्पणियां भी करते थे।

3. जातिगत भेदभाव और नफरत

मीना ने आरोप लगाया कि उमेश सिंह जातिगत भेदभाव करते हैं और ब्राह्मणों से भी चिढ़ते हैं। उनका कहना था, “ठाकुर होने के नाते सिर्फ मैं जेल में राज करूंगा!”

4. पहनावे को लेकर ताने

जब मीना सदरी पहनकर ड्यूटी पर जाती थीं, तो उमेश सिंह उन्हें तंज कसते हुए कहते थे—
“तुम्हें चुनाव लड़ना है क्या?”

5. सत्ता की हनक और धमकियां

मीना ने दावा किया कि उमेश सिंह कहते थे—
“योगी जी मेरे भाई हैं, मैं इलेक्शन लड़ूंगा, जेल मंत्री बनूंगा। जो मेरे खिलाफ जाएगा, उसे खत्म कर दूंगा!”

6. मानसिक प्रताड़ना और झूठे आरोप

अगर जेल में कोई भी घटना होती थी, तो आरोप मीना कनौजिया पर मढ़ दिए जाते थे। उन्होंने बताया, “बंदियों ने खाना नहीं खाया, तो भी मुझ पर आरोप लगा दिया गया!”

7. अपनी हत्या की आशंका जताई

मीना कनौजिया ने खुलकर कहा कि उमेश सिंह उन्हें किसी भी हद तक नुकसान पहुंचा सकते हैं। उन्होंने आशंका जताई कि उनकी हत्या भी करवाई जा सकती है।

पहले भी लग चुके हैं आरोप, लेकिन हुआ क्या?

मीना ने यह भी खुलासा किया कि इससे पहले रतन प्रिया नाम की एक डिप्टी जेलर ने भी उमेश सिंह पर अश्लील हरकतों के आरोप लगाए थे, लेकिन तब मीना को गवाही देने के लिए मजबूर किया गया था कि आरोप झूठे हैं। अब वे खुद उसी स्थिति में फंस गई हैं।

सवाल उठता है: न्याय मिलेगा या सिर्फ ट्रांसफर होगा?

मीना कनौजिया ने जब अपनी आवाज बुलंद की, तो कार्रवाई अधीक्षक पर नहीं हुई, बल्कि उन्हें खुद ही हटा दिया गया। उनका कहना है कि उमेश सिंह “क्रिमिनल माइंड” हैं और जेल में सभी उनसे डरते हैं, यहां तक कि उच्च अधिकारी भी उनके खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाते।

अब बड़ा सवाल ये है कि क्या मीना कनौजिया को न्याय मिलेगा, या फिर सत्ता और दबदबे की कहानी यूं ही चलती रहेगी?

(NGV PRAKASH NEWS)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *