
नव निर्वाचित जनपद सदस्य की दबंगई: गुंडागर्दी के आरोप में गिरफ्तारी, कोर्ट से सशर्त रिहाई
रायपुर, छत्तीसगढ़ | मेघा तिवारी की रिपोर्ट
बिलासपुर के मस्तूरी जनपद चुनाव में जीत की ख़ुशी अभी ठंडी भी नहीं पड़ी थी कि नव निर्वाचित जनपद सदस्य राकेश शर्मा कानून के शिकंजे में फंस गए। दादागीरी और गुंडागर्दी के आरोपों में पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां उन्हें शाम को सशर्त राहत मिली। कोर्ट ने आदेश दिया कि सोमवार को केस डायरी के साथ उन्हें फिर से पेश किया जाए।
क्या है पूरा मामला?
मस्तूरी क्षेत्र के ग्राम पंचायत लोहर्सी (सोन) में उपसरपंच पद के चुनाव के दौरान प्रत्याशी कुमारी साहू (पति रामगोपाल साहू, पिता छेदी) ने चुनाव में धांधली और जबरदस्ती का आरोप लगाया है। शिकायत के अनुसार, 12 पंचों को बलपूर्वक गाड़ी में बैठाकर बाहर ले जाया गया, उनके मोबाइल छीन लिए गए और मतदान के दिन, 08 मार्च 2025, को मात्र 5 मिनट पहले लाकर चुनाव में जबरदस्ती वोट डलवाया गया।
इतना ही नहीं, आरोप है कि 10-15 बाहरी गुंडों को किराए पर बुलाकर धमकी दी गई और जबरदस्ती चुनाव जीतने की कोशिश की गई। इस दौरान प्रत्याशी का मोबाइल भी छीन लिया गया और चुनाव अधिकारी द्वारा निष्पक्ष चुनाव नहीं कराया गया।
इस पूरे घटनाक्रम में जनपद सदस्य राकेश शर्मा, रामगोपाल साहू, छोटूलाल टंडन, आनंद राम साहू और मितेश मल्होत्रा का नाम सामने आया है। शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां उन्हें सशर्त जमानत मिल गई।
जनता में नाराजगी, कानून की अगली कार्रवाई पर नजर
इस घटना के बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। जनता जहां अपने जनप्रतिनिधियों से विकास की उम्मीद रखती है, वहीं चुनाव जीतते ही इस तरह के विवाद में फंसना लोगों के बीच नाराजगी बढ़ा रहा है। अब सभी की निगाहें सोमवार को होने वाली अदालत की सुनवाई पर टिकी हैं, जहां यह साफ होगा कि राकेश शर्मा और अन्य आरोपियों पर क्या कानूनी कार्रवाई होती है।
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