
मेमने ने चुनी अपनी मां, थाने में हुआ अनोखा फैसला — ‘मां की ममता’ बनी पहचान का आधार
कानपुर, 13 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया, जिसने पुलिस, फरियादियों और आसपास के लोगों को चौंका दिया। कल्याणपुर थाने में समाधान दिवस के मौके पर दो महिलाओं के बीच एक मेमने को लेकर विवाद हो गया। दोनों ही महिलाओं का दावा था कि वह मेमना उनकी बकरी ने जन्म दिया है।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब गोवा गार्डन निवासी चंद्रा देवी के पति इलाज के लिए अपने मेमने को लेकर जा रहे थे, तभी मीना कुमारी नाम की महिला ने रास्ते में रोककर दावा किया कि वह मेमना उसकी बकरी का है। देखते ही देखते विवाद बढ़ गया और मामला पुलिस तक पहुंच गया।
थाना प्रभारी इंस्पेक्टर सुबोध कुमार ने दोनों पक्षों की बात सुनी। एक ओर थी सफेद बकरी की मालकिन चंद्रा देवी, और दूसरी ओर काली बकरी की मालकिन मीना कुमारी। मेमना काले-सफेद रंग का था, जिससे उसकी असली मां का पता लगा पाना मुश्किल हो गया।
तब इंस्पेक्टर ने एक अनोखा तरीका निकाला — उन्होंने दोनों बकरियों को थाने बुलवाया और तय किया कि मेमना जिस बकरी के पास जाएगा और दूध पीएगा, वही उसकी असली मां मानी जाएगी। मेमने को छोड़ते ही वह दौड़ता हुआ सफेद बकरी के पास गया, उससे लिपट गया और दूध पीने लगा।
इसके बाद पुलिस ने मेमना चंद्रा देवी को सौंप दिया। इंस्पेक्टर सुधीर कुमार ने बताया कि यही एकमात्र तरीका था जिससे बिना पक्षपात के इस विवाद का हल निकाला जा सकता था — और मेमने ने खुद अपनी मां को पहचान लिया।
इस पूरे मामले ने थाने में मौजूद लोगों के चेहरों पर मुस्कान ला दी, और एक बार फिर साबित हुआ कि मां की ममता की पहचान कोई भी बच्चा कर सकता है — चाहे वह इंसान हो या जानवर।
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