जनता दरबार में जिलाधिकारी रवीश गुप्ता की सधी कार्यशैली, फरियादियों में जगी उम्मीद की किरण..

Gyan Prakash Dubey



जनता दरबार में जिलाधिकारी रवीश गुप्ता की सधी कार्यशैली, फरियादियों में जगी उम्मीद की किरण
रिपोर्ट: NGV PRAKASH NEWS

बस्ती। सुबह 10:00 बजे जैसे ही जिलाधिकारी रवीश गुप्ता का एस्कॉर्ट कलेक्ट्रेट परिसर में दाखिल हुआ, वहां मौजूद कर्मचारियों और फरियादियों में हलचल तेज़ हो गई। जिलाधिकारी ने लोगों का अभिवादन स्वीकार करते हुए शांत और सधे कदमों से अपने कक्ष में प्रवेश किया। बरामदे में बैठे फरियादियों की निगाहें उम्मीद से चमक उठीं।

जिलाधिकारी के चेंबर में बैठते ही टाइपिस्ट बाबू आदेश लेने पहुंचे। निर्देश लेकर वह अपने कक्ष में लौट गए। इसके बाद फरियादियों को क्रमवार जिलाधिकारी के सामने पेश किया जाने लगा। अर्दली द्वारा उनसे प्रार्थना पत्र लेकर जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किए गए और उन्हें बैठने के लिए कहा गया।
पहला मामला एक किसान से जुड़ा था, जो दुर्घटना बीमा मुआवज़े को लेकर जिलाधिकारी से सीधे प्रार्थना करना चाहता था। लेकिन अर्दली ने उससे प्रार्थना पत्र लेकर बैठने को कहा। जिलाधिकारी ने अगला प्रार्थना पत्र उठाया, जो एक महिला ने दिया था। वह रोते हुए बताने लगी कि उसके विरोधी उसका घर नहीं बनने दे रहे हैं। जिलाधिकारी ने संवेदनशीलता के साथ पत्र का अवलोकन किया और संबंधित अधिकारी को मार्क करते हुए कार्यवाही के निर्देश दिए।

दूसरी महिला ने बताया कि उसके और उसके बच्चों के आधार कार्ड नहीं बन पा रहे हैं, जिसमें ग्राम प्रधान और उसके विरोधी बाधा डाल रहे हैं। इस पर जिलाधिकारी ने जांच कर आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन दिया।
हर फरियादी की बात ध्यान से सुनकर जिलाधिकारी ने उनके पत्र संबंधित CRO को सौंप दिए। प्रक्रिया पूरी होने के बाद अर्दली के निर्देश पर फरियादी कक्ष से बाहर चले गए।

पत्रकार की कैमरे पर रोक, अर्दली का व्यवहार सवालों के घेरे में
इस दौरान एक पत्रकार ने जिलाधिकारी की कार्यवाही की तस्वीर खींचनी चाही, तो अर्दली ने उसे रोकने की कोशिश की। हालांकि जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि वह पत्रकार हैं, तब जाकर अर्दली शांत हुआ, लेकिन वह कुछ बुदबुदाते हुए वापस लौट गया।

यह पूरा घटनाक्रम दर्शाता है कि जहां जिलाधिकारी रवीश गुप्ता जनता के प्रति सौम्य और संवेदनशील रवैया अपनाते हैं, वहीं उनके अर्दली का व्यवहार कुछ हद तक कठोर और असहज करने वाला प्रतीत हुआ। यह प्रशासनिक व्यवस्था की उस परछाईं को दिखाता है, जो कभी-कभी जनसंपर्क में रुकावट बन जाती है।

NGV PRAKASH NEWS

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