“2006 में उत्तर प्रदेश की तत्कालीन सपा सरकार के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव तथा 2011 में केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में दुकानदार का नाम डिस्प्ले करने नियम पास हो चुका है”

NGV PRAKASH NEWS
दुकानदार का नाम लिखने का फरमान और कानून
दुकानों पर दुकानदार का नाम लिखने के मुख्यमंत्री योगी के फरमान के बाद आए बवाल के बीच देखते हैं इसके कानूनी पहलू के बारे में…..
2006 में उत्तर प्रदेश की सपा सरकार जिसके मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव थे एक कानून पास किया था |<
“फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट 2006”
जिसके अंतर्गत दुकान दुकान का रजिस्ट्रेशन दुकानदार का नाम पता ऐसी जगह लगाना था जहां से सबको दिखाई दे, यह अनिवार्य किया था |<2011 में केंद्र की मनमोहन सरकार ने जागो ग्राहक जागो स्लोगन के साथ एक एक्ट पास किया था जिसमे ग्राहक को दुकानदार के बारे में जानकारी पाने का अधिकार है |<
चाहे वह फूड पैकेजिंग हो या अन्य खाद्य पदार्थ हो उस पर प्रोपराइटर का नाम पता तथा उसमें मिलाये गए सामग्री का विवरण देना अनिवार्य है |
सालाना 10 लाख से ज्यादा की टर्नओवर वालों को फूड विभाग से लाइसेंस लेना तथा उससे कम टर्न ओवर वालों को फूड विभाग में रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है |
परंतु इसके विपरीत अधिकांश दुकानदार करना तो लाइसेंस है रजिस्ट्रेशन है और ना ही वह नाम,पता अपनी दुकान पर डिस्प्ले करते हैं |
अब अगर हम किसी दुकान से कोई सामान लेते हैं या किसी रेशत्रा या होटल से कुछ कहते हैं और हमें कोई दिक्कत हो जाए तो हम किस नाम से किसके ऊपर कंप्लेंन करेंगे |
अब सबसे खास बात क्या है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव इसका विरोध कर रहे हैं | या तो उनका यह विरोध राजनीति प्रेरित है अथवा उन्हें अपने ही सरकार में बने इस कानून के बारे में जानकारी नहीं है, या फिर आम जनता को भ्रम में डालकर राजनीति कर रहे हैं |समाचार व विज्ञापन के लिए काल या व्हाट्सएप करें…दुकान पर दुकानदार का नाम लिखने तक सही है दुकानदार का नाम जानना प्रत्येक नागरिक का अधिकार है परंतु जाति और धर्म डिस्प्ले करना जरूरी नहीं है |
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