Gyan Prakash Dubey
शरारती तत्वों ने औरंगजेब को बताया अखंड भारत का असली संस्थापक
बेलगावी 5 नवंबर 24.
बेलगावी, कर्नाटक में, औरंगजेब के पोस्टर लगाए जाने को लेकर हुए विवाद से इलाके में सांप्रदायिक तनाव फैल गया। घटना शाहूनगर इलाके की है, जहां रविवार रात कुछ शरारती तत्वों ने सड़कों पर क्रूर मुगल शासक औरंगजेब के पोस्टर चिपका दिए। पोस्टरों पर औरंगजेब की तस्वीर के साथ एक भड़काऊ संदेश लिखा था, जिसमें उसे “अखंड भारत का असली संस्थापक बताया गया। इस विवादित बयान के कारण स्थानीय निवासियों में नाराजगी फैल गई, और लोगों ने इसे धार्मिक भावनाओं को भड़काने का प्रयास करार दिया।
यह मामला तब और गंभीर हो गया जब स्थानीय लोगों ने इन पोस्टरों के खिलाफ सख्त विरोध दर्ज कराया। वे इसे एक जानबूझकर किया गया उकसाने वाला कदम मानते हुए दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग करने लगे। पुलिस ने स्थिति की संवेदनशीलता को देखते हुए तत्काल कदम उठाए और सभी भड़काऊ पोस्टरों को हटवा दिया। इसके साथ ही पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी ताकि स्थिति पर नियंत्रण रखा जा सके और किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचा जा सके।
डीसीपी लॉ एंड ऑर्डर, बेलगावी ने बताया कि 3 नवंबर को औरंगजेब का जन्मदिन था, और इसी वजह से कुछ असामाजिक तत्वों ने बिना किसी अनुमति के सार्वजनिक स्थानों पर औरंगजेब के पोस्टर लगाए। अधिकारियों ने बगैर किसी विलंब के नगर निगम के साथ मिलकर इन पोस्टरों को हटा दिया है। इसके अलावा, पुलिस ने इस घटना की गंभीरता को देखते हुए एक पुलिस रिपोर्ट (पीआर) दर्ज की है और दोषियों की पहचान करने के लिए जांच शुरू कर दी है। अधिकारी सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों और भड़काऊ पोस्टों पर भी नजर बनाए हुए हैं।
सोशल मीडिया विवाद
स्थिति तब और जटिल हो गई जब दूसरे समुदाय के कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ बयान और पोस्ट साझा किए। उन्होंने सवाल उठाया कि औरंगजेब के पोस्टर हटाने का फैसला क्यों लिया गया, जबकि वीर सावरकर के पोस्टर बिना किसी आपत्ति के लगे रहे। कुछ लोगों ने अपने पोस्टर हटाए जाने का विरोध करते हुए प्रशासन को चेतावनी भी दी और कहा कि वे इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसके चलते प्रशासन पर अब सोशल मीडिया पर गलत और भड़काऊ सामग्री पोस्ट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का दबाव बढ़ गया है।
प्रशासनिक कार्रवाई और सुरक्षा उपाय
पुलिस ने बताया कि वे इलाके में किसी भी प्रकार की सांप्रदायिक हिंसा को रोकने के लिए सतर्क हैं। स्थानीय पुलिस बल को तैनात किया गया है, और निगरानी के लिए विशेष गश्त की व्यवस्था की गई है। सोशल मीडिया पर सक्रिय एक विशेष टीम बनाई गई है, जो भड़काऊ सामग्री की निगरानी कर रही है और जरूरत पड़ने पर कार्रवाई कर रही है। अधिकारियों ने स्थानीय निवासियों से भी शांति बनाए रखने की अपील की है और कहा है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना सांप्रदायिक तनाव को भड़काने की कोशिश मानी जा रही है, और प्रशासन इस मामले को अत्यधिक गंभीरता से ले रहा है। इलाके में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।