
बाराबंकी: मजदूरी के 3500 रुपये मांगना पड़ा भारी, दबंगों की हैवानियत से आहत युवक ने दी जान
बाराबंकी जिले के टिकैतनगर थाना क्षेत्र के गोबरहा गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। मजदूरी के महज 3,500 रुपये मांगने पर 24 वर्षीय योगेंद्र मिश्रा के साथ जो कुछ हुआ, उसने सभी को झकझोर कर रख दिया। आरोप है कि जब योगेंद्र ने अपनी मेहनत की कमाई मांगी, तो दबंगों ने उसे न केवल बेरहमी से पीटा, बल्कि उसके मुंह में पेशाब भी किया। इस घोर अपमान और अत्याचार से आहत होकर योगेंद्र मिश्रा ने आत्महत्या कर ली।
छह आरोपियों पर मामला दर्ज, भीम आर्मी चीफ ने की सख्त कार्रवाई की मांग
इस हृदयविदारक घटना के बाद पुलिस ने छह लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया है। इस मामले को लेकर भीम आर्मी चीफ और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा—
“उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में एक मजदूर को उसकी मेहनत की कमाई मांगने पर अमानवीय यातनाएं दी गईं, जिसके चलते उसने अपनी जान दे दी। यह घटना कानून व्यवस्था की नाकामी और गरीबों के शोषण की हकीकत को उजागर करती है।”
सरकार से की गई मांगें
चंद्रशेखर आजाद ने योगेंद्र मिश्रा के परिवार को आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी देने की मांग करते हुए कहा कि मजदूरों के शोषण को रोकने के लिए ठोस नीति बनाई जाए।
पुलिस का बयान—मामले की जांच जारी
इस मामले में बाराबंकी के एएसपी अखिलेश नारायण सिंह ने बताया कि योगेंद्र मिश्रा और आरोपी रामू द्विवेदी के बीच 3,500 रुपये को लेकर विवाद हुआ था। जब योगेंद्र अपने पैसे लेने गया, तो रामू ने देने से इनकार कर दिया। इस पर योगेंद्र ने गुस्से में उसका टीवी उठाने की कोशिश की, जिससे विवाद बढ़ गया।
पुलिस के अनुसार, 14 मार्च को दोनों पक्षों में फिर से विवाद हुआ, जिसके बाद योगेंद्र का शव खेत में मिला। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो लोगों को हिरासत में ले लिया है और मामले की जांच जारी है।
यह घटना केवल एक मजदूर की मौत नहीं, बल्कि समाज के उन तबकों के लिए एक चेतावनी है, जो अब भी अपने हक के लिए संघर्ष कर रहे हैं। न्याय की मांग के साथ यह सवाल भी उठता है कि आखिर कब तक गरीब और कमजोर लोगों को इस तरह की बर्बरता झेलनी पड़ेगी?
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