

न्याय की लड़ाई और पुलिसिया बर्बरता: नाबालिग आदर्श उपाध्याय की मौत पर उठे सवाल
आदर्श उपाध्याय के पुलिस के बर्बरता के फलस्वरूप हुई मौत मामले में राजनीति गर्म हो चुकी है….
कल भाजपा नेता अपनी ही सरकार में बेबस नजर आ रहे थे..
सपा विधायक महेंद्र नाथ यादव तथा अतुल चौधरी का मिला मिला था साथ…
देर रात पुलिस अधीक्षक अभिनंदन ने प्रभारी निरीक्षक दुबौलिया जितेंद्र सिंह को लाइन हाजिर कर दिया तथा उप निरीक्षक अजय गौड़ एवं बीट सिपाही शिवम शिव को सस्पेंड कर दिया था..
बस्ती, 27 मार्च 2025
“मरेंगे वह सब जो आज चुप हैं, आज हमारी पारी है, कल तुम्हारी पारी है।” एनडीटीवी के पूर्व वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार की यह चेतावनी आज उत्तर प्रदेश की सच्चाई को बयां कर रही है। प्रदेश में पुलिस बर्बरता का ऐसा दौर चल पड़ा है कि नागरिक अधिकारों और न्याय की परिभाषा ही बदलती जा रही है। हाल ही में बस्ती जिले के दुबौलिया थाना क्षेत्र के ऊभाई गांव में पुलिस हिरासत में नाबालिग आदर्श उपाध्याय की संदिग्ध मौत ने एक बार फिर योगी सरकार की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इस दुखद घटना के बाद कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष विश्व विजय सिंह पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे और सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि “उत्तर प्रदेश अब पुलिस स्टेट में तब्दील हो गया है। योगी सरकार के शासन में पुलिस कस्टडी में सबसे अधिक मौतें हो रही हैं। यह सरकार के माथे पर कलंक है।”
दोषी पुलिसकर्मियों पर हो सख्त कार्रवाई
कांग्रेस नेता ने मांग की कि आदर्श उपाध्याय की मौत के लिए जिम्मेदार पुलिसकर्मियों के खिलाफ तत्काल हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए। उन्होंने यह भी बताया कि पीड़ित परिवार अत्यंत दयनीय स्थिति में जीवन बिता रहा है और सरकार को उन्हें कम से कम एक करोड़ रुपये का मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने कहा, “इस परिवार के पास छत तक नहीं है, सरकार को उनकी स्थिति पर ध्यान देना चाहिए।”
आर-पार की लड़ाई का ऐलान
विश्व विजय सिंह ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कांग्रेस पार्टी इस अन्याय के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ेगी। उन्होंने कहा, “हमारी पूरी कांग्रेस कमेटी, प्रदेश अध्यक्ष, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के नेतृत्व में इस अत्याचार के खिलाफ संघर्ष करेंगे। कांग्रेस हमेशा से न्याय के लिए लड़ी है और आखिरी दम तक लड़ेगी। हमारी संवेदनाएं पीड़ित परिवार के साथ हैं।”
इस मामले ने पूरे प्रदेश में आक्रोश फैला दिया है। विपक्ष लगातार सरकार पर हमला बोल रहा है, वहीं प्रशासन की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है। क्या आदर्श उपाध्याय को न्याय मिलेगा? क्या दोषी पुलिसकर्मी सजा पाएंगे? या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह फाइलों में दबकर रह जाएगा? यह समय ही बताएगा, लेकिन फिलहाल बस्ती की जनता न्याय की आस में टकटकी लगाए बैठी है।
NGV PRAKASH NEWS
