
Gyan Prakash Dubey
जंगल से आ रही रोने की आवाज सुनकर सबके रोंगटे खड़े हो गए
बुंदेलखंड 5 अक्टूबर 24.
एक मां-बाप के लिए उनके बच्चे से बढकर कुछ नहीं होता, वह अपने बच्चों के लिए पूरी दुनिया से टकरा सकते हैं लेकिन बुंदेलखंड के सागर से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसको सुनकर मानवता भी शर्मसार हो जाती है की दुनिया में ऐसे भी निर्दयी मां-बाप हैं |
प्राप्त जानकारी के अनुसार नौरादेहि टाइगर रिजर्व के बफर जोन में छैरारी गांव है | उस गांव के रहने वाले नंदकिशोर को जब उनका पूरा परिवार सो रहा था तो जंगल से रोने की आवाज सुनाई दी |
एक बार उन्होंने सोचा कि शायद बिल्ली रो रही होगी | लेकिन जब वह रोने की आवाज उन्हें काफी देर तक सुनाई देंती रही तो एक बार उनके भी रोंगटे खड़े हो गए |
लेकिन उनका मन नहीं माना और फिर उन्होंने हिम्मत किया और घर का दरवाजा खोल कर बाहर निकले | वह आ रही रोने की आवाज की दिशा में रोड तक गए और जब उन्होंने वहां देखा कि एक नवजात शिशु को कपड़े में लपेटकर कोई सड़क के किनारे रख गया है | उन्होंने उसे शिशु को गोद में उठाते हुए अपने पड़ोसियों को बुलाया जिन्होंने पुलिस को सूचना दी |
सूचना पर पहुंची डायल 112 उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गई | जहां प्राथमिक उपचार के बाद दूसरे दिन सुबह उसे जिला अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया |
पुलिस उसके परिजनों का पता लग रही है |
वहीं नंदकिशोर साहू सहित गांव के ग्रामीण या सोचकर परेशान है की वह कैसे मां-बाप थे जो 7 दिन के नवजात बच्चे को जंगल के बीचो-बीच छोड़कर कर भाग गए |
गनीमत यह रही कि बच्चे को किसी जानवर ने नहीं खाया |