Gyan Prakash Dubey
कल्पना कीजिए, तपती रेत का विस्तृत समंदर, जहां दूर-दूर तक सूखा ही सूखा है। अब उसी रेत के महासागर पर अचानक घने बादलों की चादर छा जाए, तेज़ बारिश हो, बर्फ गिरने लगे, और वह तपता रेगिस्तान एक बर्फीली सफेद दुनिया में बदल जाए। यह कोई कहानी नहीं, बल्कि सऊदी अरब में हाल ही में घटित हुआ एक दुर्लभ नज़ारा है।
सऊदी प्रेस एजेंसी के अनुसार, अल-जौफ के रेगिस्तानी इलाके में भारी बारिश के बाद इतनी बर्फ गिरी कि पूरा क्षेत्र बर्फ की सफेद चादर में लिपट गया। ऐसा अकल्पनीय दृश्य देखकर लोग चकित रह गए, और बर्फबारी से वहां का तापमान एकदम गिर गया, कड़ाके की ठंड पड़ने लगी। स्थानीय लोगों के लिए यह अनुभव बिल्कुल अप्रत्याशित था, और इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया।
आखिर ऐसा हुआ कैसे? क्यों रेगिस्तान, जो अपने गर्म और शुष्क वातावरण के लिए प्रसिद्ध है, बर्फबारी का गवाह बना?
सऊदी अरब पिछले एक हफ्ते से असाधारण मौसम का सामना कर रहा है। बीते बुधवार को अल-जौफ में तेज बारिश और भारी ओलावृष्टि हुई, जिसने कुछ इलाकों में बाढ़ की स्थिति पैदा कर दी। यह खराब मौसम केवल अल-जौफ तक सीमित नहीं रहा, बल्कि रियाद, मक्का और देश की उत्तरी सीमा तक भी फैल गया। Watchers.news के मुताबिक, असीर, तबुक और अल बहाह जैसे क्षेत्र भी इस मौसमी प्रकोप से प्रभावित हुए हैं।
इस बीच, सोशल मीडिया पर अल-जौफ के बर्फीले दृश्यों की तस्वीरें वायरल हो गईं। लोग सड़कें और घाटियां ओलों से ढकी देख रहे हैं। कुछ ने यह भी कहा कि पहाड़ों पर बर्फबारी से बने झरने और छोटी बर्फीली नदियां रोमांचक दृश्य पेश कर रही हैं।
अब सवाल उठता है, आखिर रेगिस्तान में ऐसी घटना क्यों हुई? संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (NCM) के अनुसार, इस असामान्य बर्फबारी और ओलावृष्टि का कारण अरब सागर से ओमान तक फैला एक लो प्रेशर सिस्टम है। इस प्रणाली ने नमी से भरी हवाओं को उन क्षेत्रों में पहुंचा दिया, जहां आमतौर पर सूखे की स्थिति रहती है। यही वजह है कि सऊदी अरब और UAE में इस तरह का अनूठा मौसम देखने को मिल रहा है।
खलीज टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, NCM ने आने वाले दिनों में भी अल-जौफ के अधिकांश हिस्सों में गरज के साथ बारिश की संभावना जताई है।