कक्षा आठवीं के छात्र नें एक विषय में फेल होने पर इस कारण लगा ली फांसी

यह रहा एक बेहतर और संवेदनशील तरीके से लिखा समाचार:


एक विषय में फेल हुआ छात्र, तनाव में उठाया खौफनाक कदम – माता-पिता के आंसू नहीं थम रहे

फरीदाबाद, 29 मार्च 2025 | परीक्षा परिणामों का समय छात्रों के लिए तनाव भरा हो सकता है, लेकिन कभी-कभी यह तनाव जिंदगी पर भारी पड़ जाता है। फरीदाबाद के सेक्टर-31 में एक आठवीं कक्षा के छात्र ने एक विषय में फेल होने के बाद इतना तनाव महसूस किया कि उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह खबर न सिर्फ परिवार के लिए बल्कि समाज के लिए भी एक बड़ा सवाल खड़ा करती है—क्या सिर्फ एक असफलता की वजह से किसी मासूम को अपनी जिंदगी खत्म करने पर मजबूर होना चाहिए?

स्कूल से लौटकर कमरे में बंद हुआ और फिर…

मृतक छात्र अंश (14) सेक्टर-21 स्थित एक निजी स्कूल में आठवीं कक्षा में पढ़ता था। शुक्रवार को परीक्षा परिणाम घोषित हुए थे। रिजल्ट देखने के लिए अंश अपनी मां के साथ स्कूल गया था, लेकिन जब उसने देखा कि वह सामाजिक विज्ञान में पास नहीं हो पाया, तो वह बेहद परेशान हो गया। स्कूल से लौटने के बाद अंश सीधा अपने कमरे में चला गया और खुद को अंदर बंद कर लिया।

शाम तक जब वह बाहर नहीं निकला, तो उसकी मां ने दरवाजा खटखटाया। कोई जवाब न मिलने पर उन्होंने खिड़की से झांककर देखा, तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई—अंश फंदे से लटका हुआ था। मां की चीख सुनकर आसपास के लोग इकट्ठा हो गए। पिता जितेंद्र, जो सेक्टर-21सी मार्केट में मार्बल की दुकान चलाते हैं, को भी सूचना दी गई। परिवार ने किसी तरह अंश को फंदे से उतारा, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

पुलिस जांच में नहीं मिला सुसाइड नोट

घटना की जानकारी मिलते ही सेक्टर-31 थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने बताया कि घटनास्थल से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है, लेकिन परिवार के अनुसार, अंश परीक्षा में असफल होने के कारण काफी तनाव में था।

क्या सिर्फ एक असफलता इतनी भारी हो सकती है?

अंश अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। उनकी दुनिया उसी के इर्द-गिर्द घूमती थी, लेकिन अब घर में उसकी खिलखिलाहट हमेशा के लिए थम गई है। यह घटना समाज के लिए भी एक चेतावनी है कि हमें अपने बच्चों को असफलता को स्वीकारने और उससे सीखने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों पर पढ़ाई का अत्यधिक दबाव नहीं डालना चाहिए। माता-पिता और शिक्षकों को यह समझना होगा कि परीक्षा का परिणाम जीवन का अंत नहीं है। बच्चों को यह विश्वास दिलाना जरूरी है कि असफलता भी सीखने का एक हिस्सा है, न कि जिंदगी खत्म करने की वजह।

NGV PRAKASH NEWS

  • Gyan Prakash Dubey

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