
जी.पी. दुबे
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NGV PRAKASH NEWS
विश्व जनसँख्या पखवाडा” का आयोजन
बहराइच, 10 जुलाई 2024.
विश्व जनसंख्या दिवस की पूर्व संध्या पर मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय स्थित सभागार में एक मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर संजय कुमार ने किया |
उम्मीद परियोजना के अंतर्गत, मोबियस फाउंडेशन और पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. संजय कुमार ने बताया कि जनसंख्या वृद्धि के कारण मौजूदा संसाधनों पर पड़ रहे दबाव व इससे उत्पन्न होने वाली समस्याओं के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए हर वर्ष 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है।
इस वर्ष का विषय “मां और बच्चे की भलाई के लिए गर्भावस्था का सही समय और अंतराल” है, जो परिवार नियोजन की महत्ता को दर्शाने के साथ ही समाज में महिला और बाल स्वास्थ्य के सुधार पर भी जोर देता है।
सीएमओ ने बताया कि विश्व जनसंख्या दिवस का उद्देश्य बढ़ती हुई जनसंख्या को स्थिर रखने के साथ मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है, ताकि खुशहाल परिवार की संकल्पना को साकार किया जा सके। यह तभी संभव है जब लोगों तक परिवार नियोजन के साधनों की पहुँच होगी और वे इसे सही समय पर अपनाने का निर्णय ले सकेंगे।
इसके लिए 11 से 31 जुलाई तक जनपद में “विश्व जनसंख्या पखवाड़ा” मनाया जाएगा, जिसके अंतर्गत विभिन्न प्रकार की गतिविधियाँ जैसे सास-बहू-बेटा सम्मेलन, स्वास्थ्य मेला और सामुदायिक बैठक आदि कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन गतिविधियों के माध्यम से दंपति को परिवार नियोजन के आधुनिक साधनों की जानकारी और सीमित परिवार के फायदे बताए जाएंगे।
इस अवसर पर सीएमओ ने उम्मीद परियोजना के अंतर्गत ‘उम्मीद परामर्श केंद्र’ का सांकेतिक उद्घाटन किया।
इस परियोजना का उद्देश्य परिवार कल्याण के क्षेत्र में गुणवत्तापरक सेवाओं का विस्तार करना है। उम्मीद परियोजना के अंतर्गत, मोबियस फाउंडेशन और पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया के सहयोग से जनपद के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में परामर्श केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इन केंद्रों के माध्यम से बाल विवाह के दुष्प्रभाव, दो बच्चों के बीच कम से कम तीन साल का अंतर, और शादी के दो साल बाद गर्भधारण के लाभ के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा, इन परामर्श केंद्रों के माध्यम से इच्छुक दंपति को आधुनिक परिवार नियोजन के साधनों की जानकारी और सेवाओं तक पहुँच बनाने में मदद की जाएगी।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक सरजू खान ने बताया कि बाल विवाह उच्च जोखिम गर्भावस्था को जन्म देता है और किशोर माताएं परिवार नियोजन साधनों को अपनाने और निर्णय लेने में झिझक महसूस करती हैं। इससे परिवार में अनचाहे बच्चों का दबाव बढ़ता रहता है, जिससे बच्चों की देखभाल ठीक प्रकार से नहीं हो पाती और ज्यादातर बच्चे बीमार और माँ कमजोर हो जाती है। इन सबकी वजह से परिवार पर आर्थिक बोझ बढ़ जाता है और परिवार बीमारी व गरीबी से लड़ने में अपनी सारी शक्ति और सामर्थ्य खो देता है। यह स्थिति परिवार नियोजन साधनों की स्वीकार्यता और जनसंख्या स्थिरता को लेकर चलाए जा रहे अभियानों में बाधा बन जाती है। सही उम्र लड़की की 18 वर्ष के बाद में विवाह और 2 वर्ष के बाद ही गर्भधारण की स्थिति जनसंख्या को स्थिर रखने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
इसके लिए बाल विवाह के विरुद्ध सफल अभियान उम्मीद परियोजना द्वारा भी चलाया गया है।
प्रदेश कि जनसंख्या नीति 2021-30 के अंतर्गत दिए गए निर्देशों के अनुसार जनसंख्या स्थिरीकरण की दिशा में प्रदेश में कई कदम उठाये जा रहे है,जिनमें मिशन परिवार विकास सम्बन्धित गतिविधियां,नए जोड़ो को शगुन किट जैसे नवाचार,खुशहाल परिवार दिवस जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से परिवार नियोजन सेवा कवरेज को तेज करना तथा डब्ल्यूसीडी, पंचायती राज, शिक्षा आदि विभिन्न विभागों और उनके कार्यक्रमों के साथ अन्तर्विभागीय अभिसरण शामिल है।
इस मौके पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संतोष राणा, डॉ पी0 के0 बांदिल, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एस.के. गौतम, पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया के प्रतिनिधि अभिषेक पाठक, और यूपी टी.एस.यू. से राम बरन यादव सहित डीपीएम और अन्य अधिकारी गण उपस्थित रहे।
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