जी. पी. दुबे
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NGV PRAKASH NEWS
किन्नर रचाते हैं एक दिन की शादी तो कौन बनता है उनका दूल्हा
समाज में स्त्री पुरुष के अलावा भी एक थर्ड पर्सन होता है जिसे समाज के लोग किन्नर या हिजड़ा कहते हैं |
उनका एक अलग समाज होता है उनके समाज के अपने रीति रिवाज होते हैं |
उसी रीति रिवाज के क्रम में किन्नर एक दिन के लिए शादी करके दुल्हन बनते हैं और दूसरे दिन फिर विधवा हो जाते हैं |
अब सवाल या उठना है कि किन्नर का दूल्हा कौन बनता है और वह दूसरे दिन फिर विधवा क्यों हो जाते हैं |
पौराणिक मान्यता के अनुसार किन्नर किसी और से नहीं बल्कि अपने देवता इरावन जिन्हें अरावन भी कहा जाता है के साथ शादी रचते हैं |
आप प्रश्न उठता है कि यह अरावन या इरावन कौन है तू महाभारत के अनुसार इरावन अर्जुन और उनकी पत्नी नागकन्या उलूपि के संतान है |
महाभारत युद्ध होने के पहले पांडवों ने युद्ध में विजय प्राप्त करने के लिए एक अनुष्ठान किया जिसमें एक बलि दी जानी थी | अब सवाल या उठा कि आखिर बलि देगा कौन |
इस पर अर्जुन के पुत्र की ईरावन ने अपनी बिल्ली देने की बात कही लेकिन एक शर्त रखती थी उसके पहले वह विवाह करना चाहते हैं |
या सुन सभी सच में पड़ गए की एक दिन के लिए कौन राजा अपनी राजकुमारी का इनसे विवाह करेगा |
इस पर भगवान श्री कृष्णा मोहिनी का रूप धारण कर आए और का मैं इरावन करूंगी |
इसके बाद उन दोनों की शादी हो गई और अगले दिन इरावन ने अपनी बलि दे दी |
तभी से किन्नर एक दिन के लिए अपने देवता से शादी करते हैं और अगले दिन विधवा होकर विलाप करते हैं और मातम मनाते हैं |
हर साल तमिलनाडु के कुवगाम में 9 वर्ष की प्रथम पूर्णिया से कीन्नरों का शादी समारोह शुरू होता है जो 18 दिनों तक चलता है |
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