महाकुंभ में आधी रात में मची भगदड़ 15 मरे सैकड़ो लापता : सभी 13 अखाड़ों ने रद्द किया अमृत स्नान

महाकुंभ मेले में भगदड़: संगम तट पर अफरा-तफरी, कई श्रद्धालु घायल, स्नान पर रोक

प्रयागराज: 29 जनवरी 25.

महाकुंभ मेले में बुधवार तड़के भगदड़ मचने से हाहाकार मच गया। मौनी अमावस्या के अवसर पर अमृत स्नान के लिए श्रद्धालुओं का भारी जनसैलाब उमड़ा था, लेकिन देर रात करीब 1:30 बजे संगम तट पर भीड़ बेकाबू हो गई। बैरिकेडिंग टूटने के बाद स्थिति बिगड़ गई, जिससे भगदड़ मच गई। इस घटना में कई श्रद्धालु घायल हो गए, जबकि कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।

कैसे हुआ हादसा?

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, संगम तट पर आधी रात से ही लाखों श्रद्धालु स्नान के लिए उमड़ पड़े थे। बढ़ती भीड़ के कारण लोगों का दम घुटने लगा और अचानक भगदड़ मच गई। जैसे ही बैरिकेडिंग टूटी, लोग इधर-उधर भागने लगे। पुलिस और प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की, लेकिन हालात काबू से बाहर हो गए।

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया

महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। पीएम मोदी ने एक घंटे में दो बार सीएम योगी से फोन पर बात कर हालात की जानकारी ली और तत्काल राहत कार्यों के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में तड़के 4:00 बजे आपातकालीन बैठक बुलाई और अधिकारियों को राहत-बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिए।

शवों की पहचान कराई जा रही, घायलों का इलाज जारी

प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, भगदड़ में कुछ लोगों की मौत की आशंका है, लेकिन अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। घायलों को एम्बुलेंस से ग्रीन कॉरिडोर बनाकर केंद्रीय चिकित्सालय और स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल ले जाया गया है। प्रयागराज के सीएमओ खुद मेडिकल कॉलेज की मोर्चरी में पहुंचकर मृतकों की पहचान करा रहे हैं।

स्नान पर रोक, अखाड़ा परिषद का बड़ा फैसला

महाकुंभ में हालात को देखते हुए अखाड़ा परिषद ने अमृत स्नान स्थगित करने का फैसला लिया है। परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी महाराज ने कहा, “स्थिति नियंत्रण में आने तक कोई भी बड़ा स्नान कार्यक्रम नहीं होगा। श्रद्धालुओं को संगम की ओर जाने से बचना चाहिए।”

महाकुंभ मेले की निगरानी बढ़ी, सुरक्षा कड़ी

भगदड़ के बाद प्रयागराज में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। प्रयागराज जंक्शन पर रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) और जीआरपी (Government Railway Police) की अतिरिक्त टुकड़ियां भेजी गई हैं। इसके अलावा, ड्रोन और हेलिकॉप्टर से भी मेले की निगरानी की जा रही है।

श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन की अपील

  1. संगम तट की ओर भीड़ न बढ़ाएं।
  2. जहां संभव हो, वहीं पास के घाट पर स्नान करें।
  3. प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और अफवाहों पर ध्यान न दें।
  4. अपने साथ छोटे बच्चों और बुजुर्गों को भीड़भाड़ वाले इलाकों में न ले जाएं।

धार्मिक गुरुओं की अपील

इस भगदड़ के बाद कई धार्मिक गुरुओं और संतों ने श्रद्धालुओं से संयम बनाए रखने की अपील की है। प्रसिद्ध संत जगतगुरु रामभद्राचार्य ने कहा, “लोग संगम तट पर जाने की जिद न करें, जहां हैं वहीं स्नान कर लें।” वहीं, देवकीनंदन ठाकुर ने कहा, “पूरी गंगा और यमुना इस समय अमृतमयी हैं, इसलिए सिर्फ संगम पर ही स्नान की अनिवार्यता न समझें।”

क्या महाकुंभ का अगला स्नान होगा?

अभी तक अमृत स्नान स्थगित कर दिया गया है, लेकिन अखाड़ा परिषद और मेला प्रशासन इस पर विचार कर रहा है। वसंत पंचमी (12 फरवरी) के दिन अगला बड़ा स्नान होगा, लेकिन इसे लेकर भीड़ नियंत्रण के लिए विशेष रणनीति बनाई जा रही है।

महाकुंभ 2025 में सुरक्षा के बड़े सवाल

इस भगदड़ ने महाकुंभ मेले में सुरक्षा इंतजामों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन के अनुसार, लाखों श्रद्धालुओं की मौजूदगी को देखते हुए सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए थे, लेकिन अचानक बढ़ी भीड़ के कारण हादसा हो गया। सरकार ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है।

👉 अखाड़ा परिषद ने सूचना जारी करते हुए कहा है कि जब 50 करोड लोगों के आने की उम्मीद थी तो व्यवस्था सेवा के हवाले क्यों नहीं की गई, पुलिस vip की जी हजूरी करती ही रह गई |

प्रशासन व्यवस्था को संभालने में पूरी तरह रहा नाकाम |

👉 वही मामले में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव तथा बसपा अध्यक्ष मायावती ने मामले में दुख प्रकट करते हुए मरने वालों के प्रति संवेदना प्रकट की है |

महाकुंभ से जुड़ी हर अपडेट के लिए NGV PRAKASH NEWS के साथ बने रहें।

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